तीखी धूप और गर्म हवा ने बढ़ाई मुसीबत
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जौनपुर । तीखी धूप और तेज गर्म हवा से चढ़े पारे के चलते लोग बेहाल हैं। लू के कारण दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा तो अति आवश्यक कार्यों से ही निकले लोग सिर से पांव तक कपड़े से ढके नजर आए। इन दिनों गर्मी से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। सूरज की किरणों ने लोगों को बेहाल करना शुरू कर दिया है। षनिवार की सुबह करीब दस बजे तक गर्म हवा व त्वचा को झुलसा देने वाली धूप से लोग घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। हालात यह थे कि दोपहर बाद सड़कों पर पूरी तरह सन्नाटा पसर गया। गिने लोग ही वाहनों से आते- जाते दिखाई पड़ रहे थे। ये शरीर को पूरी तरह कपड़े से ढके थे। गर्मी का असर बाजारों पर भी दिख रहा। हमेशा गुलजार रहने वाले बाजार वीरान नजर आ रहे हैं। अधिकांश दुकानदार अपनी दुकान का शटर नीचे किए नजर आए। शाम साढ़े पांच बजे तक यही स्थिति रही। पशुओं के लिए हरे चारे का संकट गहराया , गर्मी आते ही पशुओं के लिए हरे चारे का संकट गहरा गया है। गेहूं की फसल कटने पर सूखे पड़े खेत, उड़ रही धूल के बीच भूखे पशु खेत में खड़े डंठल, मेड़ पर खड़ी घास के सहारे है। किसान पशुओं को भूसा तो खिला देते हैं, लेकिन उसमें हरा चारा नहीं खिला रहे हैं। ऐसी स्थिति में संतुलित आहार न मिलने से पशुओं में बांझपन की समस्या पैदा होती है। कृषि विभाग ने पशुपालकों को सुझाव दिया कि इस समय खाली हुए खेत मे रसियन जायंट प्रजाति लोबिया की बोआई करें तो पशुओं के लिए पौष्टिक चारा उपलब्ध हो जाएगा, क्योंकि लोबिया एक तेज बढ़ने वाली दलहनी चारा है। यह खरपतवार को नष्ट करके मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाती है। उन्होंने किसानों को पशु पालकों को सलाह दिया कि फसल में निरंतर नमी बनी रहे, अन्यथा चारा जहरीला हो जाता है। गर्मी के मौसम में पशुओं को स्वास्थ्य रखने के लिए उनके रखरखाव का खास ख्याल रखना होगा। हरी घास न मिलने की वजह से पशु का स्वास्थ्य गिरने लगता हैं।