मान्यता पांचवी की, कक्षायें दसवीं की
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जौनपुर। सरकार के कड़े निर्देश के बावजूद दर्जनों विद्यालय बिना मान्यता के चल रहे हैं। इससे बच्चों का भविष्य अधर में है। जहां प्राथमिक व जूनियर तक की मान्यता है वहां हाईस्कूल व इंटर तक के दाखिले किए जा रहे हैं। प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। यहां कक्षाएं कई वर्ष से चल रही है। न कोई मानक है न कोई इंतजाम। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक और जूनियर स्तर की मान्यता लेकर विद्यालय दसवीं व बारहवीं तक प्रवेश लेकर कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। बच्चों और अभिभावकों को इनकी असलियत की जानकारी भी प्रवेश के समय नहीं हो पाती है। परीक्षा के समय ही उन्हें असल विद्यालय का पता लग पाता है कि उनका वहां प्रवेश हुआ है। प्राथमिक और जूनियर स्तर के बिना मान्यता के विद्यालयों पर कार्रवाई तो होती दिखती भी है, लेकिन दसवीं, बारहवीं की कक्षाएं संचालित करने वालों पर आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है। मानक के अनुसार न तो अध्यापक है और न ही कमरे। शासन के फरमान का असर यहां नहीं दिखाई दे रहा है। बिना मान्यता के स्कूल संचालन करते पकड़े जाने पर एक लाख के जुर्माना के साथ ही सजा का प्रावधान है।