माह-ए-मोहर्रम में मजलिस, मातम व जुलूसों का सिलसिला जारी
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इसी क्रम में पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम की पहली तारीख रविवार की देर रात अंगारों पर मातम मुफ्ती मोहल्ले में किया गया। इससे पूर्व मजलिस बरमकान मरहूम नवाब हसन खां पर हुई जिसमें सोजखानी व सलाम शबाब हैदर व उनके हमनवां ने पढ़ा। वहदत जौनपुरी और हैदर अली जौन ने मरसिया पेश किया। मजलिस को डॉ. सै. कमर अब्बास ने खेताब किया। जिसके बाद शबीहे अलम, जुलजनाह, झूला-ए-अली असगर बरामद हुई। उसके हमराह अंजुमनें जुल्फेकारिया मस्जिद तला नौहा-मातम करती हुई इमामबाड़ा शेख अब्दुल मजीद में पहुंची जहां पर तकरीर कर कर्बला के शहीदों को याद किया। उसके बाद जुलूस में शामिल मातमी लोग या हुसैन-या हुसैन कहते हुए दहकते हुए अंगारों पर से गुजरे। इस जुलूस का समापन इमामबाड़ा सै. मेंहदी हसन में जाकर हुआ। संचालन हैदर अली जौन किया। जुलूस के संस्थापक शमीम हैदर बेलाल, व्यवस्थापक नादिर अली, परवेज हसन खान, अहमद हसन चंदन, मोहम्मद अकरम जैकी आदि रहे।