बेसहारा पशुओं को लेकर नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे किसान
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जौनपुर। जफराबाद नगर पंचायत क्षेत्र व आसपास के किसान मंगलवार को बेसहारा पशुओं को लेकर नगर पंचायत कार्यालय धमक पड़े। इससे वहां हड़कंप मच गया। वहां मौजूद अधिशासी अधिकारी व अन्य कर्मचारियों ने नगर पंचायत कार्यालय का मुख्य दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। इसके बाद किसान गेट में पशुओं को बांध दिये। इस दौरान किसानों व अधिशासी अधिकारी में जमकर बहस हुई। अधिशासी अधिकारी ने अस्थाई रूप से बेसहारा पशुओं को रखने की व्यवस्था बनाई तब जाकर किसान शांत हुए।
कुछ दिन पूर्व मोहल्ला नाव घाट के किसान जोगेंद्र निषाद के नेतृत्व में नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को बेसहारा पशुओं की समस्या से निदान के लिए प्रार्थना पत्र चेतावनी के साथ दिया गया था। किसानों ने ज्ञापन में इन पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए गो आश्रय केंद्र की मांग की थी। समय रहते व्यवस्था न होने पर क्षेत्र के लाडनपुर, नाव घाट, समोपुर सहित अन्य गांवों के किसानों ने इन पशुओं को खदेड़ कर एक परिसर में बंद कर दिया। किसानों ने मौके पर अधिशासी अधिकारी को फोन से बुलाया। अधिशासी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। काफी देर इंतजार करने के बाद किसान पशुओं को लेकर नगर पंचायत कार्यालय परिसर पहुंच गये। इस बात की जानकारी होने पर चौकी प्रभारी अवधेश कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गये। काफी समझाने बुझाने के बाद नगर पंचायत प्रशासन नगर पंचायत कार्यालय के बगल में स्थित जमीन में पशुओं को रखने की वैकल्पिक व्यवस्था बनाई, तब जाकर मामला शांत हुआ।
कुछ दिन पूर्व मोहल्ला नाव घाट के किसान जोगेंद्र निषाद के नेतृत्व में नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को बेसहारा पशुओं की समस्या से निदान के लिए प्रार्थना पत्र चेतावनी के साथ दिया गया था। किसानों ने ज्ञापन में इन पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए गो आश्रय केंद्र की मांग की थी। समय रहते व्यवस्था न होने पर क्षेत्र के लाडनपुर, नाव घाट, समोपुर सहित अन्य गांवों के किसानों ने इन पशुओं को खदेड़ कर एक परिसर में बंद कर दिया। किसानों ने मौके पर अधिशासी अधिकारी को फोन से बुलाया। अधिशासी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। काफी देर इंतजार करने के बाद किसान पशुओं को लेकर नगर पंचायत कार्यालय परिसर पहुंच गये। इस बात की जानकारी होने पर चौकी प्रभारी अवधेश कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गये। काफी समझाने बुझाने के बाद नगर पंचायत प्रशासन नगर पंचायत कार्यालय के बगल में स्थित जमीन में पशुओं को रखने की वैकल्पिक व्यवस्था बनाई, तब जाकर मामला शांत हुआ।