डीएम के इस प्रयास से लौटी हजारो किसानो के चेहरे पर मुश्कान

जौनपुर। डीएम की प्रबल इच्छा शक्ति के कारण आज 24 हजार किसानो को बड़ी राहत मिली है। कई वर्षो से खतौनी में नाम दर्ज कराने के लिए राजस्व कर्मचारियों का चक्कर काटने वाले ग्रामीणो का नाम घर बैठे दर्ज हो गया। खतौनी में नाम दर्ज होने से जहां किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओ का लाभ ले सकेगें वही किसान सम्मान निधि का पैसा लाभ मिलेगा। डीएम के इस प्रयास से किसानो के चहेरे पर मुश्कान लौट आयी है।
जौनपुर जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह जिले की कमान सम्भालते ही सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओ की जमीनी हकीकत की तहकीकात करके उस पर अमलीजामा पहना रहे है। गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिराते हुए कठोर कार्यवाही कर रहे है। जनसुनवाई में मिली शिकायतो को गम्भीरता से ले रहे है। उन्हे शुरूआत दौर में सैकड़ो फरियारियों ने बताया कि उनके माता पिता के गुजरे कई वर्ष हो गया है उसके बाद भी आज तक खतौनी में मेरा नाम दर्ज नही किया गया है हम लोग बार बार लेखपाल,कानून गो समेत सम्बधित अधिकारियों के दफ्तर लगा रहे है उसके बाद भी नतीजा सिफर ही है। डीएम ने सभी एसडीएम,तहसीलदारो और राजस्व कर्मचारियों को अभियान चलाकर वरासत दर्ज करने का फरमान जारी किया। डीएम के सख्त तेवर का नतीजा है कि मात्र डेढ़ माह के भीतर 24 हजार किसानों का खतौनी में नाम दर्ज हो गया। आज से डीएम खुद विकास खण्ड करंजाकला के मिल्कोपुर एवं पाल्हामऊ में चैपाल के माध्यम से किसानों को खतौनी वितरित करना शुरू कर दिया है। डीएम ने खतौनी वितरित करने के बाद बताया कि इससे जहां किसानो को नाम दर्ज कराने के लिए तहसील का चक्कर काटने से छुटकारा मिल गया वही अब ये लोग किसान सम्मान निधि का लाभ ले पायेगें।
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डीएम की इस पहल की किसानों प्रशंसा करते हुए कहा कि हम लोगो कई वर्षो से वरासत दर्ज कराने के लिए तहसील का चक्कर काट रहे थे लेखपाल ने नाम दर्ज कराने के लिए पैसा भी लिया था इसके बाद नाम दर्ज नही हो पाया था।

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