नारो और जुमलों का पिटारा रहा बजट: राजन तिवारी
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जौनपुर। बजट के नाम पर सिर्फ भाषण और आंकड़ों का जुमला है ।बजट का कोई भी सेंट्रल थीम नहीं था अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए बजट में कुछ नहीं था सरकार की ऐसी कोई भी रणनीति नहीं दिखी जिसमें युवाओं को रोजगार मिल सके । निर्मला सीतारमण बजट का गणित समझने में विफल रही ।
केंद्र सरकार द्वारा बजट को हर मामले में हर स्तर पर लुभावना पर आने की पूरी कोशिश की गई है लेकिन देखना है कि इनका यह बजट जमीनी हकीकत मे देश की जनता के लिए कितना लाभप्रद होता है । जबकि पूरा देश गरीबी बेरोजगारी बख्तर शिक्षा और स्वास्थ सेवा से पीड़ित व परेशान है ।