ईरानी कमांडर की हत्या के बाद पूरी दुनिया मे आक्रोश : मौलाना शाकरी

जौनपुर । ईरान के सुप्रीम कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की शहादत पर उनके चालीसवें की मजलिस मदरसा जामिया इमाम जाफ़र सादिक़ सदर इमामबारगाह बेगमगंज में आयोजित हुई । मजलिस को जामिया मुस्तफ़ा ईरान के प्रतिनिधि मौलाना डॉ रज़ा शाकरी ने मजलिस को ख़िताब किया । उन्होंने कहाकि ईरान के सुप्रीम कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद पूरे आलम-ए-इस्लाम में गम और गुस्सा है । उन्होंने सवाल उठाया है कि अगर जनरल कासिम सुलेमानी का दहशतगर्दी से संबंध होता तो वह आईएसआईएस के खात्मे के लिये क्यों लड़ते । उन्होंने कहा है कि जनरल सुलेमानी किसी का सिर नहीं काटते थे। वो तो लोगों की जान बचाते थे। दावा किया कि भारत के लोग जब ईराक में फंसे थे तो सुलेमानी ने ही उन्हें वहां से निकालने में मदद की थी। मौलाना शाकरी ने कहा कि अमेरिका और इजराइल को इंसानियत की हिफाजत करने वाले पसंद नहीं आते। ये दोनों अंदर ही अंदर अलकायदा और आईएसआईएस जेसे आतंकी संगठनों को सपोर्ट करते हैं। धर्मगुरु मौलाना सफ़दर हुसैन ज़ैदी ने कहा कि मानव अधिकारों और यूएन की बात करने वाले अमेरिका को अगर उनपर ऐतराज था तो वह यूएनओ में क्यों नहीं गया। सबकुछ दरकिनार करके एक आदमी को कत्ल कर दिया और अब उन्हें दहशतगर्द कहकर बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुलेमानी की शहादत पर चुप रहने वालों को सोचना चाहिये कि अमेरिका ऐसा किसी और देश के साथ भी कर सकता है। मजलिस के पहले क़ासिम सुलेमानी के जीवन पर आधारित सेमिनार का भी आयोजन किया गया । इस मौके पर मौलाना महफ़ूज़ल हसन खान , मौलाना फजले मुमताज़ खान , मौलाना अहमद अब्बास , मौलाना हैदर मेंहदी , मौलाना अफ़रोज़ , मौलाना दिलशाद खान , मौलाना मेराज खान , मौलाना निसार हुसैन खान प्रिंस , आरिफ़ हुसैनी , मौलाना शाजान ज़ैदी , असग़र हुसैन ज़ैदी , लाडले ज़ैदी , अज़ीज़ हैदर हेलाल , हसन मेहदी सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे ।

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