कोर्ट ने तीन अधिशासी अभियंताओं से माँगा स्पष्टीकरण
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जौनपुर। विद्युत विभाग के तीन अधिशासी अभियंताओं को अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ ने 29 फरवरी को कोर्ट में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। जवाब-तलब किया है कि मुकदमों की पैरवी में लापरवाही क्यों की गई, अन्यथा अनुशासनहीनता एवं लापरवाही के संबंध में कार्रवाई की संस्तुति मुख्य प्रबंध निदेशक पावर कारपोरेशन लखनऊ को कर दी जाएगी।
कोर्ट ने विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता विनोद कुमार, द्वितीय के हरीश प्रजापति एवं तृतीय के नजम अहमद को नोटिस जारी किया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर विद्युत अधिनियम 2003 के तहत इस कोर्ट को नामित किया गया है। 1000 से अधिक विद्युत विभाग के मुकदमे 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। विभाग की लापरवाही के कारण निस्तारण नहीं हो पा रहा है। आरोपियों का चालान कर कार्रवाई हेतु पत्रावली तो प्रस्तुत कर दी जाती है लेकिन वादों के निस्तारण में लापरवाही बरती जाती है। पैरोकार या कर्मचारी न्यायालय में हाजिर नहीं होते। अधिशासी अभियंताओं द्वारा पैरवी प्रभावी ढंग से नहीं की जा रही है। जान-बूझकर लापरवाही बरती जा रही है जबकि इसकी सूचना विद्युत विभाग के अधिवक्ता राज कपूर श्रीवास्तव के माध्यम से कई बार दी जा चुकी है। कोर्ट ने तीनों अधिशासी अभियंताओं को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता विनोद कुमार, द्वितीय के हरीश प्रजापति एवं तृतीय के नजम अहमद को नोटिस जारी किया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर विद्युत अधिनियम 2003 के तहत इस कोर्ट को नामित किया गया है। 1000 से अधिक विद्युत विभाग के मुकदमे 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। विभाग की लापरवाही के कारण निस्तारण नहीं हो पा रहा है। आरोपियों का चालान कर कार्रवाई हेतु पत्रावली तो प्रस्तुत कर दी जाती है लेकिन वादों के निस्तारण में लापरवाही बरती जाती है। पैरोकार या कर्मचारी न्यायालय में हाजिर नहीं होते। अधिशासी अभियंताओं द्वारा पैरवी प्रभावी ढंग से नहीं की जा रही है। जान-बूझकर लापरवाही बरती जा रही है जबकि इसकी सूचना विद्युत विभाग के अधिवक्ता राज कपूर श्रीवास्तव के माध्यम से कई बार दी जा चुकी है। कोर्ट ने तीनों अधिशासी अभियंताओं को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।