अब कैसे होगी बेटी के हाथ पीले , पढ़ाई लिखाई और दवाई पर आसमानी आफत
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मुख्यमंत्री डाल्हनपुर गांव के लालजी पाल की ओलावृष्टि में हुए फसलों के नुकसान के बारे में जानकारी लेते हुए |
किसानों ने आवारा पशुओं से किसी तरह बचाकर गाढ़ी मेहनत से तैयार की फसलों पर आसमान से आफत बरस गया। गुरूवार की रात कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया कि किसानों की तैयार गेंहू,सरसों,चना,मटर समेत सभी फसलें पूरी तरह से चैपट हो गयी। सरकारी आकड़े के अनुसार करीब 75 फीसदी फसलें नष्ट हो गयी है। अपनी फसलों की हालत देखकर किसानों का कलेजा हलक से बाहर आ गया है। किसी किसान को अपनी बेटी के हाथ पीले करने के लिए इसी फसलो तैयार होने का इंतजार था तो किसी को अपने बच्चों की फीस भरने का आसरा था। लेकिन किस्मत ने ऐसी पलटी मारी कि पल भर में सभी किसानों का सपना चकनाचूर हो गया। अब शादी विवाह,पढ़ाई लिखाई और दवाई कराना तो दूर की बात खाने को लाले पड़ गया है। तमाम किसानों ने कृषि लोन लेकर खेती किया था अब फसल बरबाद होने के बाद उन्हे कर्ज भरने चिंता खाये जा रही है।
किसानों को बाल बच्चो का पेट पालने की चिंता के साथ साथ जानवरों के नेवाले के लाले पड़ गया है। अब किसानों को सरकार से मिलने वाले आर्थिक सहायता ही आसरा बचा है।
ओलावृष्टि के बाद से ही डीएम ने सभी एसडीएम,राजस्वकर्मियों के माध्यम से अन्नदाताओं के हुए नुकसान का आकलन कराकर उन्हे मुआवजा देने तैयारी शुरू कर दिया है। जिसका परिणाम रहा कि 48 घंटे के भीतर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जौनपुर पहुंचकर किसानों की चौपट हुई फसलों का निरीक्षण किया उसके बाद 51 किसानों का आर्थिक सहायता दिया। सीएम ने मौके पर एमपी, एमएलए और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे लोग गांव-गांव जाकर चैपाल के माध्यम से सभी किसानों को राहत देने का काम करें।
किसानों के दुख का दर्द स्थानीय विधायको को भी है। केराकत विधानसभा के एमएलए दिनेश चौधरी ने कहा कि मेरे सरकार किसानों के प्रति काफी संवेदनशील है। हम लोग गांव गांव जाकर किसानों को राहत दिलाने का काम करेगें।