105 क्वॉरेंटाइन में,2 संक्रमित आइसोलेशन में,28 दिल्ली की तब्लीगी जमात के

हिमांशु श्रीवास्तव 
जौनपुर। भारत में 4000 से अधिक मामले कोरोनावायरस से पीड़ित के सामने आए हैं जिसमें एक तिहाई मामले जमातियों से जुड़े हैं।जिले में 107 लोग तब्लीगी जमात से जुड़े हुए चिन्हित किए गए हैं जिनमें 2 मे कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।105 क्वॉरेंटाइन में रखे गए हैं। कोतवाली, सरायख्वाजा,बदलापुर, बरसठी,शाहगंज में आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। सभी आरोपियों पर विभिन्न थानों में धारा 188 व 269 आईपीसी लगाई गई है जिसमें तत्काल जमानत का प्रावधान है जबकि सरायख्वाजा के एकमात्र मामले जिसमें 14 बांग्लादेशी भी आरोपी हैं उन पर फॉरेनर्स एक्ट व पासपोर्ट एक्ट की भी धाराएं लगाई गई हैं जिनमें 5 वर्ष तक अधिकतम सजा का प्रावधान है।सरकार विदेशियों के पासपोर्ट जब्त करने की बात कर रही है।ऐसी स्थिति में अगर वर्तमान धाराओं में आरोपियों को जमानत मिल गई तो उन्हें कहां रखा जाएगा,यह प्रश्न विचारणीय है।छोड़ने पर तो निश्चित रूप से वे अराजकता फैलाते हुए महामारी को बढ़ावा दे सकते हैं।एक बांग्लादेशी,एक गाइड में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।उधर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 7 वर्ष तक की सजा से दंडनीय या सजायाफ्ता बंदी 8 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किए जा रहे हैं।
 आंकड़ों पर गौर करें तो कोतवाली थाने में दिल्ली से जमात से लौटे आशिक सोहेल समेत 3 के खिलाफ धारा 188,269 आईपीसी में,कोतवाली में ही मेरठ से लौटे मो.शाहिद समेत 34 के खिलाफ धारा 188,269 आईपीसी में,सरायख्वाजा थाना क्षेत्र स्थित मस्जिद में दिल्ली के निवासी सोनूद्दीन समेत 6 तथा एक बिहार व एक बुलंदशहर के जमाती(कुल आठ)गिरफ्तार हुए तथा उन पर भी धारा 188,269 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के लाल दरवाजा मस्जिद के सामने मुनीर अहमद के मकान से 14 बांग्लादेशियों समेत 18 आरोपी गिरफ्तार हुए जिसमें 16 दिल्ली की निजामुद्दीन जमात से लौटे थे।इनके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12,फॉरेनर्स एक्ट की धारा 7 व 14 तथा आईपीसी की धारा 188 तथा 269 आईपीसी में मुकदमा दर्ज हुआ।शाहगंज कोतवाली में मेरठ, दिल्ली व नेपाल से लौटे 26 जमातियों के खिलाफ धारा 188,269 आईपीसी में, बरसठी थाना क्षेत्र में मस्जिद में छुपे धर्म प्रचारक समेत 12 आरोपियों पर धारा 188 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ जो मेरठ से जमात से लौटे थे।बदलापुर थाना क्षेत्र स्थित मस्जिद के बगल से सात आरोपी गिरफ्तार हुए जो दिल्ली की जमात से लौटे थे।आंध्रा से जमात से लौटे सरायख्वाजा निवासी मोहम्मद अकरम को उसके बेटे ने स्वयं क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती कराया था।इस प्रकार कुल 107 जमाती जिले में नामित है।अभी न जाने कितने ऐसे जमाती हैं जिन्होंने स्वयं को प्रशासनिक व पुलिस आदेश के बावजूद समर्पण नहीं किया है छुपे हुए जमातियों में बहुत से संक्रमित भी होंगे और संक्रमण फैला भी रहे होंगे। सरायख्वाजा थाना की एक एफ आई आर जिसमें बांग्लादेशी आरोपी हैं, को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी थाना क्षेत्रों में जमातियों के ऊपर धारा 188 तथा 269 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है जो जमानती धाराएं हैं तथा लॉकडाउन के उल्लंघन में इन्हीं धाराओं में दुकानदारों का भी चालान हुआ था जिसमें 6 आरोपियों को रिमांड मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत दे दी गई थी। इस संबंध में अधिवक्ता विनोद श्रीवास्तव,प्रवीण सिंह,उपेंद्र विक्रम सिंह आदि का कहना है कि जमातियों पर रासुका व राजद्रोह की धाराएं बनती है अगर ये रिहा होंगे तो जो इन्हें जमात में अपने नेता से जो आदेश मिला है उसी का अनुसरण करेंगे और देश में महामारी विकराल रूप ले लेगी।इनके द्वारा किया गया अपराध बायोलॉजिकल वार की श्रेणी में भी आता है। इनसे राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा है।

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