भ्रम दूर कर जाने क्या है रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन,जानिए जौनपुर है किस जोन में

हिमांशु श्रीवास्तवा

जानें कब रेड जोन,ऑरेंज व ऑरेंज जोन बनता है ग्रीन जोन,ऑरेंज जोन को लेकर रहता है भ्रम
जौनपुर सरकार ने लॉक डाउन बढ़ाने के साथ साथ बीच का रास्ता अपनाने का फैसला करते हुए क्षेत्रों को रेड ऑरेंज और ग्रीन जोन में वर्गीकृत कर स्मार्ट लॉकडाउन लागू किया।इसके पीछे एक प्रमुख कारण गिरती अर्थव्यवस्था पर अपना ध्यान केंद्रित करना है। रेड और ग्रीन जोन को लेकर तो स्थिति स्पष्ट रहती है लेकिन ऑरेंज जोन को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रहती है। इसको इस प्रकार भी समझा जा सकता है ट्रैफिक लाइट में रेड लाइट का सिग्नल होने पर सड़क पर सभी गतिविधि रुक जाती है और ग्रीन लाइट होते ही गाड़ियां चल पड़ते हैं।
देश का जोन वॉइस वर्गीकरण-

रेड जोन-
सरकार ने उन जिलों को रेड जोन के रूप में चिन्हित किया है जहां कोविड-19 के मामलों की संख्या ज्यादा है और हॉटस्पॉट क्षेत्र ज्यादा है। ऐसे जिले भी रेड जोन में आते हैं जिनमें 4 दिनों से कम समय में दोगुने दर से कोरोना पीड़ित के मामले आते हैं। यह जोन सबसे खतरनाक है। इस जोन में संक्रमण बढ़ने की आशंका अधिक रहती है इसलिए ऐसे जिलों में पूर्ण पाबंदी लगा दी जाती है।घरों से बाहर निकलने की छूट नहीं दी जाती है।आपात स्थिति में हेल्पलाइन पर फोन कर मदद मांगी जा सकती है। इस जोन में सभी जरूरी चीजों की सप्लाई प्रशासन करता है और सख्त पहरा लगा रहता है अवहेलना करने वालों पर कठोर कार्रवाई होती है।उत्तर प्रदेश के नोएडा,वाराणसी,आगरा,लखनऊ, गाजियाबाद,मेरठ आदि जिले रेड जोन में है।

ऑरेंज जोन-
ऑरेंज जोन को लेकर ही भ्रम की स्थिति बनी है।ऑरेंज जोन के अंतर्गत आने वाले स्थानों पर कुछ प्रतिबंध रहता है।साथ ही प्रशासन हॉटस्पॉट क्षेत्र को छोड़कर आवश्यक सेवाओं के कर्मियों के लिए छूट,खेती और फसल इत्यादि गतिविधि की अनुमति दे सकता है। ऑरेंज जोन में वे इलाके या जिले आते हैं जहां से कोरोना संक्रमण के कुछ मामले निकल कर सामने आते हैं।प्रशासन यहां पर जरूरी उपाय कर लॉकडाउन,सील करने जैसे या दूसरे एहतियाती कदम
उठा सकता है।संक्रमण वाले इलाकों को छोड़कर अन्य इलाकों में पाबंदियों में कुछ ढील दी जा सकती है जिससे लोग जरूरी सामान घर से बाहर निकल कर खरीद सकें।प्रशासन समय सीमा भी निर्धारित कर सकता है।उप्र के जनपद जौनपुर समेत प्रयागराज, आजमगढ, गोरखपुर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़,अयोध्या,भदोही आदि जिले ऑरेंज जोन में हैं।

रेड जोन का ऑरेंज जोन में परिवर्तन-
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक रेड जोन को ऑरेंज जोन घोषित किया जा सकता है जब इलाके में 14 दिनों से कोई ताजा कोरोना का मामला सामने न आया हो। इस प्रकार रेड जोन को ऑरेंज जोन में परिवर्तित किया जा सकता है।

ग्रीन जोन-
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ग्रीन जोन ऐसे जिले हैं जहां कोरोनावायरस का एक भी पौष्टिक केस चिन्हित नहीं किया गया है इन जिलों की लिस्ट के अलावा अन्य वे जिले जहां पिछले 28 दिनों से एक भी करोड़पति के सामने नहीं आया है उन्हें भी ग्रीन जोन की सूची में शामिल किया जाएगा क्षेत्रों में कुछ सेक्टर को सरकार की योजना के अनुसार छूट दी जा सकती है जैसे आवश्यक सेवाएं बिजनेस मूवमेंट शराब की दुकानों को खोला जाना जो राज्य सरकार के रेवेन्यू में बड़ी भूमिका निभा सकता है 1 जून का अर्थ संक्रमण मुक्त माना जाता है जरूरी चीजों को खरीदने के लिए लोग घर से बाहर निकल सकते हैं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना आवश्यक है प्रशासन अपने विवेक से कुछ प्रतिबंध भी इस्तेमाल कर सकता है। उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर, कानपुर देहात,अमेठी,बलिया, देवरिया,कुशीनगर,चंदौली सोनभद्र आदि जिले ग्रीन जोन में हैं।

ऑरेंज जोन का ग्रीन जोन में परिवर्तन-
ऑरेंज जोन को ग्रीन जोन में परिवर्तित किया जा सकता है जब 28 दिनों से क्षेत्र में कोई भी ताजा मामला सामने न आया हो।

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