यहां लॉकडाउन में भी रहता है मेले जैसा मंज़र
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जौनपुर। लॉकडाउन लागू के बाद भी शहर में मेले की स्थिति बनी रहती है। लोग खुल कर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिन्ग का मखौल उड़ाते हैं। पुलिस वाले भी जमावड़ा लगाकर हंसी मजाक में ही मसरूफ रहते हैं। लोगों की भीड़ उनके पास खड़ी भी रहे तो उन्हें फर्क नहीं पड़ता।
21 दिन के लॉकडाउन की अवधि आधी से ज़्यादा समाप्त हो चुकी है। सरकार आस लगाए बैठी है कि धीरे धीरे स्थितियां सामान्य हो जाएंगी और हम कोरोना से जीत जाएंगे। हालांकि जौनपुर पुलिस ने कुछ और ठान रखा है। वो कोरोना से जंग जीतने में नहीं बल्कि किसी तरह टाइम पास करने में जुटे हैं। दरअसल सुबह ज़रूरी सामान की खरीदारी करने के लिए लोग घरों से निकलते हैं, लेकिन रोज़ की तरह सोमवार को भी घंटों शहर में मटरगश्ती करते रहे। आधा दिन बीत जाने तक लोग सड़कों पर ही दिखाई दिए। शाहीपुल, सब्ज़ी मंडी, ओलंदगंज चौराहा, पॉलिटेक्निक, कोतवाली चौराहे पर लोग मेला लगाकर बिना सोशल डिस्टेंसिन्ग का पालन किए घूमते रहे। इस दौरान उन्हें नियंत्रित करने और खदेड़ने के लिए पुलिस वाले तो निकलते हैं, लेकिन अपनी ड्यूटी भूल खुद चौपाल लगा लेते हैं। चौक-चौराहों पर बाइक खड़ी कर सभी हंसी मजाक में जुटे रहते हैं।
अकेले क्या-क्या करें डीएम
डीएम दिनेश कुमार सिंह सुबह से ही मातहतों संग कोरोना से निबटने के लिए कमर कस कर निकल लेते हैं। कोई भ्रष्टाचार न करे, कहीं खाने पीने की कमी न हो, लोग को ज़रूरी सामान आसानी से मुहैया हो जाए, कोरोना संदिग्धों की अधिक से अधिक जांच करा कर उसे जड़ से मिटा दिया जाए। लेकिन पुलिस विभाग से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिलता दिख रहा। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिन्ग का पालन कराने का ज़िम्मा लिए खाकी वाले लापरवाही में लगे रहते हैं।
21 दिन के लॉकडाउन की अवधि आधी से ज़्यादा समाप्त हो चुकी है। सरकार आस लगाए बैठी है कि धीरे धीरे स्थितियां सामान्य हो जाएंगी और हम कोरोना से जीत जाएंगे। हालांकि जौनपुर पुलिस ने कुछ और ठान रखा है। वो कोरोना से जंग जीतने में नहीं बल्कि किसी तरह टाइम पास करने में जुटे हैं। दरअसल सुबह ज़रूरी सामान की खरीदारी करने के लिए लोग घरों से निकलते हैं, लेकिन रोज़ की तरह सोमवार को भी घंटों शहर में मटरगश्ती करते रहे। आधा दिन बीत जाने तक लोग सड़कों पर ही दिखाई दिए। शाहीपुल, सब्ज़ी मंडी, ओलंदगंज चौराहा, पॉलिटेक्निक, कोतवाली चौराहे पर लोग मेला लगाकर बिना सोशल डिस्टेंसिन्ग का पालन किए घूमते रहे। इस दौरान उन्हें नियंत्रित करने और खदेड़ने के लिए पुलिस वाले तो निकलते हैं, लेकिन अपनी ड्यूटी भूल खुद चौपाल लगा लेते हैं। चौक-चौराहों पर बाइक खड़ी कर सभी हंसी मजाक में जुटे रहते हैं।
अकेले क्या-क्या करें डीएम
डीएम दिनेश कुमार सिंह सुबह से ही मातहतों संग कोरोना से निबटने के लिए कमर कस कर निकल लेते हैं। कोई भ्रष्टाचार न करे, कहीं खाने पीने की कमी न हो, लोग को ज़रूरी सामान आसानी से मुहैया हो जाए, कोरोना संदिग्धों की अधिक से अधिक जांच करा कर उसे जड़ से मिटा दिया जाए। लेकिन पुलिस विभाग से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिलता दिख रहा। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिन्ग का पालन कराने का ज़िम्मा लिए खाकी वाले लापरवाही में लगे रहते हैं।