गुजरात से बेहतर रही पंजाब सरकार की व्यवस्था
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जौनपुर। लॉकडाउन के बाद से फंसे मजदूरों को लेकर तीसरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन शनिवार की सुबह जौनपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पहुंची। पंजाब के पटियाला से आई इस ट्रेन में 1201 यात्री सवार थे। प्लेटफॉर्म पर उतरने के बाद सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग हुई और फिर उन्हें रोडवेज बसों से सम्बंधित जिलों में भेजा गया।
खास बात रही कि इस कांग्रेस शासित पंजाब से आई इस ट्रेन के यात्रियों से टिकट के पैसे नहीं लिए गए थे, जबकि इसके पहले गुजरात से जौनपुर पहुंची दो अन्य श्रमिक स्पेशल ट्रेन के यात्रियों से टिकट के पूरे पैसे वसूलने के बाद ही यात्रा करने दिया गया।
पटियाला से शुक्रवार की शाम रवाना हुई यह ट्रेन अपने निर्धारित समय शनिवार की सुबह साढ़े 8 बजे जौनपुर स्टेशन पहुंची। डीएम दिनेश कुमार सिंह, सीडीओ अनुपम शुक्ल सहित अन्य अधिकारी पहले से ही मौजूद रहे। स्टेशन पर ट्रेन की एक-एक बोगी को बारी-बारी खोलकर यात्रियों को उतारा गया। प्लेटफॉर्म पर तैनात स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सबकी स्क्रीनिंग के बाद उनका ब्योरा दर्ज किया।
ट्रेन से आई मुंगराबादशाहपुर की कंचन ने बताया कि पटियाला में स्टेशन पर उनकी जांच हुई और फिर भोजन का पैकेट टिकट देकर ट्रेन में बैठाया गया, लेकिन इसके पैसे नहीं लिए गए। यात्री अशोक का कहना था कि पंजाब सरकार की ओर से लॉक डाउन के दौरान उन लोगों को कच्चा राशन उपलब्ध कराया गया था। सरकार मदद कर रही थी, लेकिन घर पहुंचना ज्यादा अच्छा लगा।
गौरा निवासी रवींद्र, राजेश, खुटहन के राकेश, सीमा आदि यात्रियों ने भी पंजाब सरकार की ओर से की गई व्यवस्थाओं को ठीक बताया। इससे पहले गुजरात से जौनपुर आई दो अन्य श्रमिक स्पेशल ट्रेन के यात्रियों से टिकट के पैसे लिए गए थे। खाने-पीने की भी व्यवस्था पर भी उन्होंने असन्तोष जताया था।