पूर्व सांसद धनंजय सिंह गिरफ्तार
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जौनपुर । प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण व रंगदारी के आरोप में पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह व विक्रम को गिरफ्तार कर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत निरस्त कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया। पूर्व सांसद द्वारा तीव्र बुखार, शरीर में दर्द व सीने में दर्द होने का हवाला देते हुए दरखास्त दी गई जिस पर न्यायालय ने जेल अधीक्षक को चिकित्सा के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई के लिए अधिकृत किया।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल ने एफ आई आर दर्ज कराएगी धनंजय सिंह के सहयोगी विक्रम सिंह उन्हें कई बार फोन किए होली के पूर्व एक बार वह धनंजय के घर जाकर उनसे मिला भी इसके बावजूद रविवार को विक्रम सिंह अपने दो साथियों के साथ फोर व्हीलर गाड़ी से उनकी साइट पर पहुंचे और बलपूर्वक उन्हें पूर्व सांसद धनंजय के आवास पर ले गए वहां पहुंचने पर धनंजय सिंह काली रंग की पिस्टल लेकर आए और मटेरियल की सप्लाई की बात को लेकर गालियां दिए वादी से उसके एमडी का नंबर लेकर उसके सामने बात भी किए धनंजय सिंह जबरन हमारी फर्म को कम गुणवत्ता वाली सामग्री आपूर्ति करने की इच्छा रखते हैं वेद था उनके सहयोगी अपराधिक प्रवृत्ति वाले है वह एवं उनके गैंग से जुड़े लोग जबरन मुझसे जो कराने की इच्छा रखते थे उसे करने से मैंने इनकार किया तो धमकी दी है कि यदि मैं और मेरे एमडी ने उनकी बात को नहीं माना तो वह किसी को नहीं छोड़ेंगे उनकी धमकी सेवा दी काफी सहम गया और पुलिस के पास पहुंचा पुलिस ने उसकी तहरीर लेकर धनंजय व विक्रम के विरुद्ध धारा 364 386 504 506 में प्राथमिकी दर्ज किया। हत्या के लिए अपहरण की धारा 364 में उम्र कैद तक की सजा धारा 386 हत्या के बारे में डालकर रंगदारी के मामले में 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। मंगलवार को सेशन कोर्ट में पूर्व सांसद का जमानत प्रार्थना पत्र पड़ेगा।
कोर्ट परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां, कोर्ट का आदेश था बेमानी जौनपुर-पूर्व सांसद धनंजय सिंह को गिरफ्तार कर कोर्ट में ले जाते समय न तो उनकी ना उनके सहयोगियों और न साथ आए पुलिसकर्मियों की ही थर्मल स्कैनिंग की गई। जमानत की सुनवाई के दौरान दीवानी न्यायालय परिसर के अंदर व बाहर काफी भीड़ इकट्ठा थी। जिला जज के आदेश के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई नहीं हुई बल्कि खचाखच भरी अदालत में सुनवाई हुई जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने की संभावना पैदा हुई।भारी संख्या में पुलिस बल होने के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया गया। सुनवाई के दौरान करीब 3 घंटे भीड़ लगी थी और पुलिस मौजूद थी।
मंत्री व एस पी की साजिश से आई आर दर्ज कराने का सांसद ने दिया हवाला
जौनपुर- जमानत निरस्त होने की बात जेल जाते समय पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने मीडिया के समक्ष बयान दिया कि उनके खिलाफ उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी गहरी साजिश रच रहे हैं। महा भ्रष्ट मंत्री ने उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराया है। हमने विकास के लिए एडिटोरियम से कृत कराया था मंत्री ने उसे भी कैंसिल करा दिया। भ्रष्टाचार के बल पर 2017 से अब तक उस मंत्री नहीं करोड़ों की संपत्ति इकट्ठा किया है। वह इसकी जांच लोकायुक्त से कराएंगे कोरोना महामारी की दस्तक के बाद वह तथा उनके लोग लगातार लोगों की सेवा में लगे हुए थे।गरीबों को लगातार राशन बांटा जा रहा था जिससे मंत्री को यह लगा कि कहीं चुनाव में उसे नुकसान न पहुंच जाए इसलिए उसने पुलिस अधीक्षक से साजिश करके मुकदमा दर्ज कराया इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल ने एफ आई आर दर्ज कराएगी धनंजय सिंह के सहयोगी विक्रम सिंह उन्हें कई बार फोन किए होली के पूर्व एक बार वह धनंजय के घर जाकर उनसे मिला भी इसके बावजूद रविवार को विक्रम सिंह अपने दो साथियों के साथ फोर व्हीलर गाड़ी से उनकी साइट पर पहुंचे और बलपूर्वक उन्हें पूर्व सांसद धनंजय के आवास पर ले गए वहां पहुंचने पर धनंजय सिंह काली रंग की पिस्टल लेकर आए और मटेरियल की सप्लाई की बात को लेकर गालियां दिए वादी से उसके एमडी का नंबर लेकर उसके सामने बात भी किए धनंजय सिंह जबरन हमारी फर्म को कम गुणवत्ता वाली सामग्री आपूर्ति करने की इच्छा रखते हैं वेद था उनके सहयोगी अपराधिक प्रवृत्ति वाले है वह एवं उनके गैंग से जुड़े लोग जबरन मुझसे जो कराने की इच्छा रखते थे उसे करने से मैंने इनकार किया तो धमकी दी है कि यदि मैं और मेरे एमडी ने उनकी बात को नहीं माना तो वह किसी को नहीं छोड़ेंगे उनकी धमकी सेवा दी काफी सहम गया और पुलिस के पास पहुंचा पुलिस ने उसकी तहरीर लेकर धनंजय व विक्रम के विरुद्ध धारा 364 386 504 506 में प्राथमिकी दर्ज किया। हत्या के लिए अपहरण की धारा 364 में उम्र कैद तक की सजा धारा 386 हत्या के बारे में डालकर रंगदारी के मामले में 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। मंगलवार को सेशन कोर्ट में पूर्व सांसद का जमानत प्रार्थना पत्र पड़ेगा।
कोर्ट परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां, कोर्ट का आदेश था बेमानी जौनपुर-पूर्व सांसद धनंजय सिंह को गिरफ्तार कर कोर्ट में ले जाते समय न तो उनकी ना उनके सहयोगियों और न साथ आए पुलिसकर्मियों की ही थर्मल स्कैनिंग की गई। जमानत की सुनवाई के दौरान दीवानी न्यायालय परिसर के अंदर व बाहर काफी भीड़ इकट्ठा थी। जिला जज के आदेश के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई नहीं हुई बल्कि खचाखच भरी अदालत में सुनवाई हुई जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने की संभावना पैदा हुई।भारी संख्या में पुलिस बल होने के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया गया। सुनवाई के दौरान करीब 3 घंटे भीड़ लगी थी और पुलिस मौजूद थी।
मंत्री व एस पी की साजिश से आई आर दर्ज कराने का सांसद ने दिया हवाला
जौनपुर- जमानत निरस्त होने की बात जेल जाते समय पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने मीडिया के समक्ष बयान दिया कि उनके खिलाफ उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी गहरी साजिश रच रहे हैं। महा भ्रष्ट मंत्री ने उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराया है। हमने विकास के लिए एडिटोरियम से कृत कराया था मंत्री ने उसे भी कैंसिल करा दिया। भ्रष्टाचार के बल पर 2017 से अब तक उस मंत्री नहीं करोड़ों की संपत्ति इकट्ठा किया है। वह इसकी जांच लोकायुक्त से कराएंगे कोरोना महामारी की दस्तक के बाद वह तथा उनके लोग लगातार लोगों की सेवा में लगे हुए थे।गरीबों को लगातार राशन बांटा जा रहा था जिससे मंत्री को यह लगा कि कहीं चुनाव में उसे नुकसान न पहुंच जाए इसलिए उसने पुलिस अधीक्षक से साजिश करके मुकदमा दर्ज कराया इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।