सब्जियों की लागत दर किनार, सिचाई की नहीं हो रही भरपाई

जौनपुर । इस समय कोरोना महामारी के चलते  लगभग दो महीने से लाक डाउन चल रहा हैं ताकि इस बीमारी से निजात मिल सके वहीं दूसरी तरफ देश की आर्थिक स्थिति पटरी से नीचे उतर गई है । यह समस्या सभी को ग्रसित कर रही है और समाज का सभी वर्ग चिन्ति है लेकिन जनपद के छोटे-छोटे किसानों के लिए काफी मुसीबत का   शबब साबित हो रहा है । सब्जियों के गिरते भाव ने किसानों को निराश किया है और उनका कहना है कि लागत तो दर किनार सब्जियों के फसलों की सिचाई तक की कीमत वसूल नहीं हो रही है। इस समय पड़ रही कड़ाके की गर्मी में किसान किसी तरह सब्जी दिन रात  मेहनत  करके पैदा कर रहे हैं लेकिन एक जिले से दूसरे जिले में व्यापारियों का आना जाना न  होने के कारण  सब्जी मंडी में किसान दो बजे रात से ही सवेरे छह बजे तक सब्जी बेचने के लिए मंडी में जुटे रहते हैं लेकिन व्यापारी और खरीददार  नहीं रहने के कारण  नेनुआ तीन रूपये किलो लौकी चार रूपये,  भिंडी चार रूपये कोहड़ा दो रूपये ,  पालक दो रूपये किलो तो  करेला पांच रूपये किलो बिक रही है। इससे किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है।  अन्य सब्जियां रेट भी इस कदर हो गया है कि बीज व  दवा का पैसे की बात दूर है सिचाई का भी पैसा निकालना मुश्किल हो साबित हो रहा हैं इस समस्या से जनपद के छोटे-छोटे किसान जिसके पास खेती के अलावा कोई व्यवस्था नहीं है वे केवल खेती पर ही निर्भर हैं उनके लिए यह  समय काफी कष्ट दाई साबित हो रहा है। इससे किसानों का सब्जी की खेती से मोह भंग हो रहा है उनका कहना है जब लागत ही नहीं वसूल पायेगी तो मेहनत मजदूरी करने और खून पसीना बहाने से क्या फायदा होगा।

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