भदेठी मामले में जमानत निरस्तीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ

 जौनपुर। 9 जून 2020 को सरायख्वाजा के भदेठी गांव में अनुसूचित जाति के लोगों के घर धावा बोलकर उनके मड़हे व जानवरों को जलाने, जान से मारने का प्रयास करने के आरोपी मोहम्मद जावेद सिद्दीकी समेत पांच आरोपियों को अपर सत्र न्यायाधीश ने 20 जून 2020 को आईपीसी व एससी एसटी एक्ट की धाराओं में जमानत दे दिया हालांकि गैंगस्टर एक्ट के मामले में आरोपियों की जमानत अभी नहीं हुई है। जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने पांचों आरोपियों के जमानत निरस्तीकरण का प्रस्ताव जिलाधिकारी को भेजा है तथा आगे की प्रक्रिया के अनुसार जिलाधिकारी मामले को अग्रिम कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट भेजेंगे। डीजीसी अनिल द्वारा जिलाधिकारी को भेजे गए जमानत निरस्तीकरण प्रस्ताव में यह आधार लिया गया है कि न्यायालय ने पांचों आरोपियों के 10 जून से जेल में रहने,उनके अपराधिक इतिहास न होने,उन्हें राजनीतिक रंजिश से फंसाए जाने,घटना में आरोपियों का विशिष्ट योगदान न होने,वादी पक्ष को गंभीर चोटें न होने तथा धाराएं साधारण प्रकृति होने का आधार बताते हुए जमानत दे दिया था जबकि घटना में अनुसूचित जाति के 10 लोगों का रिहायशी घर जला,28 लोग घायल हुए,कई मवेशी जलकर मर गए।न्यायाधीश ने आईपीसी और एससी एसटी एक्ट के प्रावधानों की अनदेखी किया। बहस एवं साक्ष्य का जमानत के आदेश में उल्लेख नहीं किया।जानवरों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट,घटनास्थल के वीडियो,घायलों की मेडिकल रिपोर्ट पर न्यायालय ने ध्यान नहीं दिया।यह मामला अनुसूचित जाति के निर्बल वर्गों से संबंधित है जिसमें लोक व्यवस्था व राज्य सरकार की काफी क्षति हुई है इसलिए जमानत निरस्त होने योग्य है।

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