समूह बनाकर निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की तैयारी
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रिपोर्ट - हिमांशु श्रीवास्तव
जौनपुर। कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग उनके समुचित इलाज की व्यवस्था करने के लिए प्रयासरत है। कोरोना संक्रमण से लोगों की जान बचाने के लिए निजी अस्पतालों में भी इलाज की व्यवस्था जल्द शुरू होगी। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों के समूह बनाकर अपनी निगरानी में वहां इलाज शुरू कराएगा। इससे संसाधनों में कई गुना तक बढ़ोतरी हो जाएगी और भविष्य में संक्रमण बढ़ने पर स्थिति भी नियंत्रण से बाहर नहीं जाएगी।
केजीएमयू लखनऊ के पल्मोनरी व क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व प्रदेश सरकार द्वारा नामित विशेष कार्याधिकारी डॉ वेद प्रकाश ने इस बात का खुलासा किया।उनके अनुसार शासन स्तर पर इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी चल रही है।इस संबंध में कई जिलों के डीएम से मिलकर उन्होंने अपने फार्मूले के बारे में अवगत कराया। उनके फार्मूले के अनुसार जिले के निजी अस्पतालों का डाटा स्वास्थ्य विभाग तैयार करे और फिर उन्हें समूह में बांट दे। समूह के सबसे बड़े अस्पताल में कोविड-19 टेस्टिंग सेंटर और इलाज की व्यवस्था शुरू की जाए।अन्य अस्पतालों में कोविड-19 से अलग बीमारियों का इलाज शुरू किया जाए।किसी एक नान कोविड अस्पताल में कोविड का संभावित मरीज मिलने पर उसे तुरंत कोविड अस्पताल रेफर किया जाए। संक्रमण मिलने वाले नान कोविड अस्पताल में समूह से जुड़े दूसरे अस्पतालों के चिकित्सक सेवा दें इससे अस्पताल बंद नहीं होगा और चिकित्सकों की कमी नहीं रहेगी।निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण टेस्टिंग की प्रक्रिया तेज की जाए इसकी निगरानी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन करे। इस व्यवस्था का मूल उद्देश्य कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज समुचित तरीके से सुनिश्चित करना है।
जौनपुर। कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग उनके समुचित इलाज की व्यवस्था करने के लिए प्रयासरत है। कोरोना संक्रमण से लोगों की जान बचाने के लिए निजी अस्पतालों में भी इलाज की व्यवस्था जल्द शुरू होगी। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों के समूह बनाकर अपनी निगरानी में वहां इलाज शुरू कराएगा। इससे संसाधनों में कई गुना तक बढ़ोतरी हो जाएगी और भविष्य में संक्रमण बढ़ने पर स्थिति भी नियंत्रण से बाहर नहीं जाएगी।
केजीएमयू लखनऊ के पल्मोनरी व क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व प्रदेश सरकार द्वारा नामित विशेष कार्याधिकारी डॉ वेद प्रकाश ने इस बात का खुलासा किया।उनके अनुसार शासन स्तर पर इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी चल रही है।इस संबंध में कई जिलों के डीएम से मिलकर उन्होंने अपने फार्मूले के बारे में अवगत कराया। उनके फार्मूले के अनुसार जिले के निजी अस्पतालों का डाटा स्वास्थ्य विभाग तैयार करे और फिर उन्हें समूह में बांट दे। समूह के सबसे बड़े अस्पताल में कोविड-19 टेस्टिंग सेंटर और इलाज की व्यवस्था शुरू की जाए।अन्य अस्पतालों में कोविड-19 से अलग बीमारियों का इलाज शुरू किया जाए।किसी एक नान कोविड अस्पताल में कोविड का संभावित मरीज मिलने पर उसे तुरंत कोविड अस्पताल रेफर किया जाए। संक्रमण मिलने वाले नान कोविड अस्पताल में समूह से जुड़े दूसरे अस्पतालों के चिकित्सक सेवा दें इससे अस्पताल बंद नहीं होगा और चिकित्सकों की कमी नहीं रहेगी।निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण टेस्टिंग की प्रक्रिया तेज की जाए इसकी निगरानी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन करे। इस व्यवस्था का मूल उद्देश्य कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज समुचित तरीके से सुनिश्चित करना है।