व्यवस्था परिवर्तन से संक्रमण की आशंका,जज को दरखास्त
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रिपोर्ट - हिमांशु श्रीवास्तव
जौनपुर। दीवानी न्यायालय में कोर्ट की कार्यवाही में हुई व्यवस्था परिवर्तन को लेकर अधिवक्ताओं ने संक्रमण की आशंका व्यक्त करते हुए प्रभारी जिला जज को दरखास्त दिया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि पहले मुकदमे में जनरल तारीख लग जाती थी, आरोपियों को बुलाना नहीं पड़ता था लेकिन अब अदालतों में अलग-अलग तारीख में पड़ रही है और हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र भी मांगा जा रहा है।ऐसी स्थिति में वादकारियों को कोर्ट में बुलाना वकीलों के लिए जरूरी हो गया है।जाहिर है कि जब वादकारी आएंगे और अधिवक्ताओं के साथ कोर्ट में पत्रावली में हस्ताक्षर करेंगे तो कोर्ट कक्ष में भीड़ होगी जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना असंभव हो जाएगा और संक्रमण फैलने की पूरी संभावना रहेगी।गुरुवार को भी कुछ अदालतों में सुनवाई के समय काफी संख्या में अधिवक्ताओं व वादकारियों की भीड़ न्यायालय कक्ष में थी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाया।वर्तमान में विभिन्न थाना क्षेत्रों से वादकारी आ रहे हैं अगर वे या उनके परिवार से जुड़ा कोई व्यक्ति संक्रमित हुआ तो दीवानी न्यायालय में भी संक्रमण फैलने में देर नहीं लगेगी।अधिवक्ताओं ने मांग किया कि पूर्व की भांति मुकदमों में जनरल तारीखें लगा दी जाए तथा आरोपियों की हाजिरी माफी की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
जौनपुर। दीवानी न्यायालय में कोर्ट की कार्यवाही में हुई व्यवस्था परिवर्तन को लेकर अधिवक्ताओं ने संक्रमण की आशंका व्यक्त करते हुए प्रभारी जिला जज को दरखास्त दिया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि पहले मुकदमे में जनरल तारीख लग जाती थी, आरोपियों को बुलाना नहीं पड़ता था लेकिन अब अदालतों में अलग-अलग तारीख में पड़ रही है और हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र भी मांगा जा रहा है।ऐसी स्थिति में वादकारियों को कोर्ट में बुलाना वकीलों के लिए जरूरी हो गया है।जाहिर है कि जब वादकारी आएंगे और अधिवक्ताओं के साथ कोर्ट में पत्रावली में हस्ताक्षर करेंगे तो कोर्ट कक्ष में भीड़ होगी जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना असंभव हो जाएगा और संक्रमण फैलने की पूरी संभावना रहेगी।गुरुवार को भी कुछ अदालतों में सुनवाई के समय काफी संख्या में अधिवक्ताओं व वादकारियों की भीड़ न्यायालय कक्ष में थी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाया।वर्तमान में विभिन्न थाना क्षेत्रों से वादकारी आ रहे हैं अगर वे या उनके परिवार से जुड़ा कोई व्यक्ति संक्रमित हुआ तो दीवानी न्यायालय में भी संक्रमण फैलने में देर नहीं लगेगी।अधिवक्ताओं ने मांग किया कि पूर्व की भांति मुकदमों में जनरल तारीखें लगा दी जाए तथा आरोपियों की हाजिरी माफी की अनिवार्यता समाप्त की जाए।