भैया अब ना जाइयों परदेश , अपने भी घर में है रोजी रोटी
https://www.shirazehind.com/2020/06/blog-post_672.html
जौनपुर। पूर्व कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय ने कहा कि कोरोना नामक विमारी ने हम लोगो को बता दिया कि हम गांव में ही प्रकृति के साथ रहकर सुरक्षित रह सकते है। महानगरो में प्रवास करने वाले से आवाह्न कहा कि गांव में खेती करने के साथ साथ अन्य रोजगार के संसाधनो को अपनाकर अपना जीवन सुरक्षित रख सकते है। इसका साफ उदाहरण है कि कोविड 19 विमारी ने महानगरो में रहने वालों को ही अपना शिकार बनाया है, गांवो में रहने वालों का बाल भी बाका नही कर पायी है। यह भी सत्य है कि कोराना विमारी लेकर अपने गांव लौटने वालो का संक्रमण परिवार या गांव के किसी व्यक्तियों में नही फैल पाया है।
श्री राय ने कहा कि कोरोना नामक महामारी ने मुंबई,दिल्ली,गुजरात समेत अन्य महानगरो में रोजीरोटी के लिए गये लोगो को अपने अपने गांव लौटने को मजबूर कर दिया। लोग अपनी जान बचाने के लिए जान जोखिम में डालकर पैदल,साईकिल, आटो समेत अन्य साधनो से गांव को ओर चल पड़े । गांव पहुंचने में मजदूरो ने क्या दंर्श झेला यह तो उन्हे पता है लेकिन न्यूज चैनलो पर यह भयावह दृश्य देखकर गांव मंे रह रहे लोगो को कलेजा फट गया।
यह महामारी भले ही महानगरो में अपना पैर पसार लिया लेकिन हमारी पर्यावरण,प्रकृति द्वारा दी गयी फल,सब्जी व अन्न के चलते गांव तक कोरोना पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।
पूर्व मंत्री ने प्रवासी लोगो से आवाह्न किया कि अब वे महानगरो का रूख न करके अपने गांव में ही रहकर खेती किसानी करे तथा यही पर अन्य रोेजगार के संसाधन को तलास करके अपने परिवार का भरण पोषण करे। जिससे हमारी संस्कृति,पर्यावरण,जल, जंगल और जमीन को सुरक्षित रखे साथ ही आप लोग भी निरोग रहते हुए देश की तरक्की में अपना योगदान दे सके।
श्री राय ने कहा कि कोरोना नामक महामारी ने मुंबई,दिल्ली,गुजरात समेत अन्य महानगरो में रोजीरोटी के लिए गये लोगो को अपने अपने गांव लौटने को मजबूर कर दिया। लोग अपनी जान बचाने के लिए जान जोखिम में डालकर पैदल,साईकिल, आटो समेत अन्य साधनो से गांव को ओर चल पड़े । गांव पहुंचने में मजदूरो ने क्या दंर्श झेला यह तो उन्हे पता है लेकिन न्यूज चैनलो पर यह भयावह दृश्य देखकर गांव मंे रह रहे लोगो को कलेजा फट गया।
यह महामारी भले ही महानगरो में अपना पैर पसार लिया लेकिन हमारी पर्यावरण,प्रकृति द्वारा दी गयी फल,सब्जी व अन्न के चलते गांव तक कोरोना पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।
पूर्व मंत्री ने प्रवासी लोगो से आवाह्न किया कि अब वे महानगरो का रूख न करके अपने गांव में ही रहकर खेती किसानी करे तथा यही पर अन्य रोेजगार के संसाधन को तलास करके अपने परिवार का भरण पोषण करे। जिससे हमारी संस्कृति,पर्यावरण,जल, जंगल और जमीन को सुरक्षित रखे साथ ही आप लोग भी निरोग रहते हुए देश की तरक्की में अपना योगदान दे सके।