जाने भीड़ में कैसे पकड़ में आएंगे कोरोना संक्रमित
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हिमांशु श्रीवास्तव
जौनपुर। हाल ही में जनपद में एक लेखपाल जौनपुर जंक्शन पर ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुआ।यह जनपद का पहला व्यक्ति है जो यहीं संक्रमण का शिकार हुआ।कई ट्रेनों से विभिन्न क्षेत्रों के यात्री आए और उनकी थर्मल स्कैनिंग भी की गई उनमें बहुत से कोरोना पॉजिटिव निकले।रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड या भीड़भाड़ वाले अन्य स्थानों पर संक्रमित लोगों को पहचानने के लिए थर्मल कैमरा बनाया गया है इसमें एक व्यक्ति डीपीई किट और पूर्ण सुरक्षा के बीच थर्मल कैमरे मोबाइल से कनेक्ट वर्चुअल रियलिटी बॉक्स को आंखों पर पहनेगा।इसकी रेंज 5 से 7 मीटर होगी।भीड़ की ओर देखते ही इंफ्रारेड तकनीक की मदद से ज्यादा तापमान वाले लोग पकड़ में आ जाएंगे और उन्हें किनारे कर गहन जांच की जाएगी। इससे कोरोना संक्रमण रोकने में काफी मदद मिलेगी। यह प्रोटोटाइप मॉडल इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के छात्रों ने तैयार किया है।उन्होंने आइडिया को इन्नोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेल में दिया है।साथ ही वह थर्मल कैमरे की सस्ती डिजाइन बनाने में जुटे हैं। कानपुर स्थित विश्वविद्यालय द्वारा प्रोटोटाइप मॉडल मंगवाया गया है।उसकी टेस्टिंग कर शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।छात्रों के अनुसार थर्मल कैमरे को हेलमेट या कंधे पर लटकाया जा सकता है।इसे मोबाइल से लीड के साथ जोड़ा जाएगा। वर्तमान में जिस प्रकार विभिन्न क्षेत्रों से ट्रेनों व बसों से लोग आ रहे हैं।भीड़भाड़ वाले ऐसे स्थानों पर यह थर्मल कैमरा कोरोना संक्रमित को पकड़ने में अहम भूमिका अदा करेगा और ड्यूटी करने वाले लोग इसकी मदद से संक्रमित के संपर्क में आने व उनसे होने वाले संक्रमण से बच सकेंगे।