अतंर राष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रौशन किया था डा0 लालसाहब सिंह ने

जौनपुर।  मंगलवार को पूर्व प्राचार्य डॉ लाल साहब सिंह का एक निजी अस्पताल में निधन हो गया वे 80 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे जौनपुर के ग्राम गोरा गजेंद्रपुर में एक गरीब परिवार में इनका जन्म 5 जुलाई 1940 को हुआ था। 1965 में डॉक्टर साहब के लिए मुंबई यूनिवर्सिटी में टॉप किया था 1972 में टीडी कॉलेज में प्राध्यापक रहे और 1975 से 30 जून 2001 तक सल्तनत बहादुर पीजी कॉलेज बदलापुर के प्राचार्य रहे। डॉक्टर लाल साहब सिंह वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी के प्रथम डिलीट उपाधि धारक भी रहे । अपने कार्यकाल के दौरान भारत सरकार की तरफ से मॉरीशस में भोजपुरी भाषा का नेतृत्व किया और अपने जीवन काल में दो दर्जन से ज्यादा पुस्तकें लिखी और 50 से ज्यादा लेख अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में प्राचार्य परिषद के सदस्य व लगभग सभी कमेटियों में शामिल रहे। विश्वविद्यालय के हर कार्यक्रम में व संचालन करते दिखाई देते थे । स्वर्गीय डॉक्टर साहब सिंह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए तीन पुत्रो में डॉ अनिल सिंह शंभूगंज में प्रधानाचार्य है, डॉक्टर विजय कुमार सिंह तिलकधारी महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर व पूर्वांचल शिक्षक संघ के अध्यक्ष है, तीसरे पुत्र डॉ अरुण कुमार सिंह स्विस बैंक पुणे में अधिकारी हैं। डॉ लाल साहब सिंह के निधन की जानकारी होते हैं उनके निवास राज कॉलोनी पर तिलकधारी महाविद्यालय के प्रबंधक अशोक सिंह, डॉ समर बहादुर सिंह, डॉअब्दुल कादिर खान, डॉ राजीव प्रकाश सिंह, डॉ राहुल सिंह महामंत्री, डॉ शैलेंद्र सिंह, डॉ जितेश सिंह, डॉक्टर सिद्धार्थ सिंह समेत तमाम शिक्षक समुदाय का तांता लग गया। दाह संस्कार वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर हुआ मुखाग्नि मझले पुत्र डॉक्टर विजय प्रताप सिंह ने दिया।

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