जानिए क्यों नहीं मिली पूर्व सांसद धनंजय को जमानत
https://www.shirazehind.com/2020/07/blog-post_456.html
जौनपुर। लाइन बाजार थाना क्षेत्र के अपहरण व रंगदारी के मामले में धनंजय के सहयोगी विक्रम सिंह की जमानत अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम ने मंजूर कर लिया।जमानत के समय वादी अभिनव सिंघल का मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान का हवाला दिया गया जिसमें वादी एफ आई आर में कहे गए कथनों से मुकर गया है और कहा कि आरोपियों ने न तो उसका अपहरण कराया न ही रंगदारी मांगी और न कोई धमकी दी गई।इसी आधार पर कोर्ट ने जमानत दे दिया। धनंजय सिंह को भी इसी कोर्ट से जमानत मिल गई होती यदि वादी का घटना से मुकरने का हलफनामा सीजेएम कोर्ट की बजाय अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट में दिया गया होता और कोर्ट के माध्यम से विवेचक के पास भेजा गया होता तब विवेचक वादी का धारा 164 का कलमबंद बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष कराते और यहीं से जमानत हो जाती।
जैसा कि विक्रम के मामले में किया गया लेकिन धनंजय के प्रकरण में यह प्रक्रिया नहीं अपनाई जा सकी और जमानत निरस्त हो गई।धनंजय की हाई कोर्ट में जमानत पर सुनवाई 27 जुलाई को है।10 मई 2020 को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने अपहरण व रंगदारी की एफ आई आर धनंजय व विक्रम के खिलाफ दर्ज कराया था तब से दोनों जेल में है। जमानत के बाद विक्रम अब रिहा हो जाएगा।
जैसा कि विक्रम के मामले में किया गया लेकिन धनंजय के प्रकरण में यह प्रक्रिया नहीं अपनाई जा सकी और जमानत निरस्त हो गई।धनंजय की हाई कोर्ट में जमानत पर सुनवाई 27 जुलाई को है।10 मई 2020 को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने अपहरण व रंगदारी की एफ आई आर धनंजय व विक्रम के खिलाफ दर्ज कराया था तब से दोनों जेल में है। जमानत के बाद विक्रम अब रिहा हो जाएगा।