दीवानी न्यायालय व जेल में सामुदायिक संक्रमण का खतरा

 जौनपुर। खेतासराय थाने के कोरोना संक्रमित दरोगा की लापरवाही से दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताओं कर्मचारियों व न्यायिक अधिकारियों में संक्रमण का खतरा है।इसके अलावा उनके द्वारा रिमांड पर लाए गए आरोपी को जेल भेजने के बाद जेल में भी संक्रमण फैलने की संभावना है।यदि वह आरोपी एस आई के संपर्क में आने के बाद संक्रमित हुआ हो।

बता दें कि 5 जुलाई को खेतासराय थाना के एसआई समेत अन्य पुलिसकर्मियों का नमूना लिया गया था।11 जुलाई को 10 पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई 9 जुलाई को आर्म्स एक्ट में खेतासराय थाना क्षेत्र में गिरफ्तार आरोपी नौशाद को लेकर संक्रमित एसआई दीवानी न्यायालय के एसीजेएम प्रथम कोर्ट में आए थे।कर्मचारियों,अधिवक्ताओं व न्यायिक अधिकारी के संपर्क में आए।उनके साथ उसी दिन गोवध अधिनियम में छ:अन्य आरोपी जो खेतासराय थाना क्षेत्र में पकड़े गए थे,वे भी अन्य पुलिसकर्मियों के साथ दीवानी न्यायालय के सीजेएम कोर्ट में लाए गए थे।सभी लोग साथ आए थे।बाद में आर्म्स एक्ट का एक आरोपी तथा गोवध अधिनियम के 6 आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजे गए।संक्रमित दरोगा की लापरवाही यह है कि जब 5 जुलाई को उनका नमूना लिया गया तो 9 जुलाई को अन्य पुलिसकर्मियों व गिरफ्तार आरोपियों के साथ दीवानी न्यायालय क्यों चले आए।उनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद न्यायालय से जुड़े लोगों तथा जेल भेजे गए आरोपियों से जेल में संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो गया है।यदि आरोपी को संक्रमित दरोगा के संपर्क में आने से संक्रमण हुआ तो जेल में भी संक्रमण फैल सकता है।वह दरोगा कई कर्मचारियों व अधिवक्ताओं से मिले भी,वार्ता भी किए। एसीजेएम प्रथम तथा सीजेएम कोर्ट के कर्मचारियों का कहना है कि वह मंगलवार को अपनी जांच कराएंगे क्योंकि दरोगा के संक्रमित होने के कारण और उनके संपर्क में आने से संक्रमण की संभावना है।

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