रणछोर डाक्टरो को मिल रहा है कोरोना वारियस का सम्मान
https://www.shirazehind.com/2020/07/blog-post_90.html
जौनपुर। डाक्टर्स डे के मौके पर कोरोना काल में अपना हास्पिटल छोड़कर लापता होने वाले चिकित्सको को कोराना वारियस का सम्मान दिया जा रहा है , उधर जान की बाजी लगाकर कोविड 19 मरीजो का इलाज करने वाले सरकारी अस्पतालों के डाक्टरो को सम्मान देना तो दूर की बात धन्यवाद भी ज्ञापित नही किया गया।
बुधवार को एक समाजसेवी संस्था द्वारा डाक्टर्स डे के मौके पर एक दर्जन निजी अस्पताल चलाने वाले डाक्टरों को सम्मानित किया गया। संस्था द्वारा मीडिया के दफ्तरो में भेजे गये प्रेस नोट में यह कहा गया है कि ये चुनिंदा चिकित्सक द्वारा कोरोना काल में समाजसेवा करके अपना अभूतपूर्व एवं अतुलनीय योगदान दिया गया। जिसके कारण उन्हे प्रशस्ति पत्र एंव अंग वस्त्रम् भेट करके सम्मानित किया गया है।
जिन डाक्टरो को यह सम्मान दिया गया है उन डाक्टरो समेत दो दर्जन से अधिक चिकित्सको के हास्पिटल की जमीनी हकीकत तहकीकात शिराज ए हिन्द डाॅट काम की टीम ने लाॅक डाउन के दरम्यान किया था। जिसमें कई अस्पतालों में ताला बंद मिला था किसी का खुला भी था तो स्टाफ के भरोषे। पुछने पर बताया गया था कि डाक्टर साहब नही है।
अब सवाल यह उठता है कि अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना मरीजो समेत अन्य रोगो से पीड़ितो का इलाज सरकारी अस्पतालों के डाक्टरो ने ही किया ऐसे में उन धरती के भगवानों को छोड़कर रणछोर डाक्टरो को सम्मानित क्यो किया गया। कुछ लोग बताते है कि सम्मानित होने वाले डाक्टर भी उस संस्था के सदस्य है या उनकी सरपस्ती में यह क्लब चल रहा है।
बुधवार को एक समाजसेवी संस्था द्वारा डाक्टर्स डे के मौके पर एक दर्जन निजी अस्पताल चलाने वाले डाक्टरों को सम्मानित किया गया। संस्था द्वारा मीडिया के दफ्तरो में भेजे गये प्रेस नोट में यह कहा गया है कि ये चुनिंदा चिकित्सक द्वारा कोरोना काल में समाजसेवा करके अपना अभूतपूर्व एवं अतुलनीय योगदान दिया गया। जिसके कारण उन्हे प्रशस्ति पत्र एंव अंग वस्त्रम् भेट करके सम्मानित किया गया है।
जिन डाक्टरो को यह सम्मान दिया गया है उन डाक्टरो समेत दो दर्जन से अधिक चिकित्सको के हास्पिटल की जमीनी हकीकत तहकीकात शिराज ए हिन्द डाॅट काम की टीम ने लाॅक डाउन के दरम्यान किया था। जिसमें कई अस्पतालों में ताला बंद मिला था किसी का खुला भी था तो स्टाफ के भरोषे। पुछने पर बताया गया था कि डाक्टर साहब नही है।
अब सवाल यह उठता है कि अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना मरीजो समेत अन्य रोगो से पीड़ितो का इलाज सरकारी अस्पतालों के डाक्टरो ने ही किया ऐसे में उन धरती के भगवानों को छोड़कर रणछोर डाक्टरो को सम्मानित क्यो किया गया। कुछ लोग बताते है कि सम्मानित होने वाले डाक्टर भी उस संस्था के सदस्य है या उनकी सरपस्ती में यह क्लब चल रहा है।
Jo Dr santha ko mota chanda dete hai unko hi samman patra milata hai. Jaise aajkal kuchh log paid news ka dhandha bana liye hai
जवाब देंहटाएंJo Dr santha ko mota chanda dete hai unko hi samman patra milata hai. Jaise aajkal kuchh log paid news ka dhandha bana liye hai
जवाब देंहटाएंKripya is mudde par khulkar likhiye
जवाब देंहटाएंJin logo ne kuchh nahi kiya un ko award se kar award ki bhi beyijjati hai