खुफिया विभाग के राडार पर तीन दर्जन एनजीओ
https://www.shirazehind.com/2020/07/blog-post_992.html
जौनपुर। विदेशी पैसे से चलने वाले एक दर्जन एनजीओ और स्थानीय स्तर पर चल रहे समाजसेवी संगठनों की पड़ताल खुफिया विभाग ने शुरू कर दिया है। सूत्रों से खबर मिली है कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी विदेशो से आने वाले पैसों को कहा और किस मद में खर्च किया जा रहा तथा अन्य पहलुओं की गम्भीरता से जांच कर रहे है। विभाग को यह भी गोपनीय खबर है कि कुछ संस्थाएं सरकारी योजनाओं को अपने एनजीओं को बता कर सस्ती लोकप्रियता हासिल कर रही है।
मालूम हो कि जिले में एक दर्जन से अधिक एनजीओं विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) प्राप्त है। इन एनजीओं को गरीबो के बच्चो की पढ़ाई लिखाई ,दवाई व उत्थान के लिए विदेशो से अच्छी खासी रकम आती है। खुफिया विभाग को सूचना मिला कि एनजीओं के लोग कागजों पर योजनाओं को चलाकर पैसो का बंदर बांट कर रहे है। इतना ही कुछ छोटे मझोले अखबारो में मन गढ़ंत खबरे छपवाते है उसके बाद उन अखबारो की कटिंग पर प्रमुख अखबारो का नाम लिखकर विदेशो से पैसा भेजने वाली संस्थाओं के पास भेज देते है। इसके अलावा कई अन्य विन्दुओं पर खुफिया विभाग जांच पड़ताल कर रही है।
इधर कोरोना काल में कई नये स्थानीय एनजीओं पैदा हो गये ये लोग अन्य समाजसेवी संगठनों व सरकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने में मदद करके अपनी संस्था का कार्य गिनाया है। इस पर भी खुफिया विभाग गम्भीरता से जांच पड़ताल कर रही है।
मालूम हो कि जिले में एक दर्जन से अधिक एनजीओं विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) प्राप्त है। इन एनजीओं को गरीबो के बच्चो की पढ़ाई लिखाई ,दवाई व उत्थान के लिए विदेशो से अच्छी खासी रकम आती है। खुफिया विभाग को सूचना मिला कि एनजीओं के लोग कागजों पर योजनाओं को चलाकर पैसो का बंदर बांट कर रहे है। इतना ही कुछ छोटे मझोले अखबारो में मन गढ़ंत खबरे छपवाते है उसके बाद उन अखबारो की कटिंग पर प्रमुख अखबारो का नाम लिखकर विदेशो से पैसा भेजने वाली संस्थाओं के पास भेज देते है। इसके अलावा कई अन्य विन्दुओं पर खुफिया विभाग जांच पड़ताल कर रही है।
इधर कोरोना काल में कई नये स्थानीय एनजीओं पैदा हो गये ये लोग अन्य समाजसेवी संगठनों व सरकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने में मदद करके अपनी संस्था का कार्य गिनाया है। इस पर भी खुफिया विभाग गम्भीरता से जांच पड़ताल कर रही है।