कामन रिसर्च एप्टीटयूड टेस्ट नहीं कराना अभ्यर्थियों के अधिकार का उल्लंघन होगा

 

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने इस बार पीएचडी प्रवेश परीक्षा न कराने का निर्णय लिया है। इस वजह से पीजी किए हुए अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर सकेंगे। इसको लेकर छात्रों ने कुलपति व रजिस्ट्रार को संबोधित ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि कामन रिसर्च एप्टीटयूड टेस्ट नहीं कराना अभ्यर्थियों के अधिकार का उल्लंघन होगा, जबकि गत दो वर्ष यह परीक्षा कराई गई थी। अभ्यर्थियों ने कहा कि पूर्वाचल विश्वविद्यालय ने सत्र 2018 व 19 में पीएचडी में दाखिला के लिए प्रवेश परीक्षा कराई थी। इस बार वर्ष 2020 के पीएचडी के ऑनलाइन आवेदन में एमए-एमएससी आदि पीजी के विषयों में पास छात्र पीएचडी के लिए आवेदन नहीं कर सकते। इनके फार्म भरने का आप्शन नहीं आ रहा है। अभ्यर्थियों ने कहा कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा न कराना अभ्यर्थियों के अधिकारों के साथ अन्याय होगा। पूर्वांचल विश्वविद्यालय को एमए-एमएससी छात्रों के हित को देखते हुए कामन रिसर्च एप्टीटयूड टेस्ट जरूर कराना चाहिए। नहीं तो सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी पीएचडी में प्रवेश लेने से वंचित हो जाएंगे। छात्रों का आरोप है कि यह खेल सिर्फ नेट व जेआरएफ अभ्यर्थियों को पीएचडी में मौका देने के लिए किया गया है। इस मौके पर सौरभ श्रीवास्तव, सुनील प्रजापति, प्रिया, प्रीति पांडेय, पीयूष पांडेय, प्रदीप जोशी, अमित गौतम, पंकज पांडेय, शालिनी गौतम, सुनीता आदि मौजूद थे।

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