फर्जी वेबसाइड बनाकर टिकट बेचने वाले रडार पर

 

जौनपुर।  आइआरसीटीसी की फर्जी वेबसाइड बनाकर टिकट बेचने वाले रडार पर आ गए हैं। मंगलवार को आरपीएफ ने कई स्थानों पर छापेमारी कर जांच की। इस दौरान कुछ को उठाया भी गया, लेकिन कौन हैं यह पता नहीं चल सका। चुनिदा ट्रेनों के संचालन के बीच अवैध टिकटों का धंधा बढ़ गया है। ऐसे में आइआरसीटीसी ने आरपीएफ से ई-टिकट बनाने वाले एजेंटों का पूरा ब्योरा मांगा है। उधर, सोमवार को पट्टीनरेंद्रपुर स्थित आजाद चौक से गिरफ्तार किए गए युवक निखिल ने पूछताछ में कई प्रतिबंधित साफ्टवेयरों से टिकट बुक करने की बात स्वीकारी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए वाराणसी से आई स्पेशल टीम ने भी आरोपित से पूछताछ की। उसके लैपटाप व मोबाइल को फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।


सोमवार को पट्टीनरेंद्रपुर स्थित आजाद चौक से पुलिस हिरासत में लिया गया टिकट दलाल निखिल बरनवाल प्रतिबंधित साफ्टवेयर से 20 सेकेंड में चार टिकट बना लेता था। कहने को तो यह किशोर है, लेकिन इसके कारनामे हैरत में डालने वाले हैं। वह फर्जी तरीके आइआरसीटीसी की सैकड़ों फर्जी आईडी बना बीते काफी समय से टिकट दलाली का धंधा कर रहा था। आरपीएफ द्वारा कब्जे में लिए गए निखिल ने टिकट दलाली के कई राज खोले हैं। पूछताछ में उसने बताया कि वह फास्ट तत्काल, टर्बो, रेयर मैंगो व एनएमएस जैसे साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर एक झटके में कई टिकट बना लेता था। साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिहाज से रेलवे की ओर से प्रबल सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसकी मदद से आरपीएफ को टिकट दलालों का नेक्सस तोड़ने में सफलता मिल रही है। बीते काफी समय से साफ्टवेयर पर आजाद चौक से बड़े पैमाने पर टिकट बुक होने की जानकारी मिल रही थी, जिसके बाद इस सूचना को आरपीएफ को भेजा गया। सटीक सूचना के बाद छापेमारी कर टीम ने दलाल को दबोच लिया। मंगलवार को भी आरपीएफ टीम ने सहज जन सेवा केंद्र, साइबर कैफे व आनलाइन टिकट एजेंटों के यहां छापेमारी की। आइआरसीटीसी ने टिकट एजेंटों की पूरी जानकारी मांगी है, जिसे आरपीएफ द्वारा मुख्यालय भेजा जाएगा। वर्ष 2017 में रेलवे की वेबसाइट हैक करने के आरोप में सीबीआइ के असिस्टेंट प्रोग्रामर अजय गर्ग को गिरफ्तार किया गया था। तत्काल टिकट धांधली के मास्टर माइंड माने जाने वाले गर्ग अपने करीबी अनिल गुप्ता के जरिए साफ्टवेयर की बिक्री करता था। अनिल जफराबाद थाने के नाथूपुर का रहने वाला है। नामजद कुल 15 लोगों पर अवैध साफ्टवेयर भी बेचने के आरोप लगे हैं। बड़े पैमाने पर हुई छापेमारी के दौरान अवैध टिकटिग के धंधे को लेकर तमाम तरह का राजफाश हुआ है। सोमवार को गिरफ्तार किए गए निखिल बरनवाल से पूछताछ में कई प्रतिबंधित साफ्टवेयर का खुलासा हुआ है। आरोपित के लैपटाप व मोबाइल को फारेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। दलालों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। जल्द ही अन्य कई के हत्थे चढ़ने की संभावना है।

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