बरखू राम को मौत के घाट उतारने वाला हिस्ट्रीशीटर 15 दिन पहले जेल से छूटा था
मृत बरखू यादव (75) की पत्नी का भी एक वर्ष पूर्व निधन हो गया था। उन्होंने अपने साले की बेटी खुशबू को सेवा टहल के लिए अपने घर पर रखा था। उसकी शादी भी उन्होंने खुद की थी। लगभग दो माह पूर्व उन्होंने अपने हिस्से की भूमि में से दस बिस्वा खुशबू के नाम बैनामा कर दिया था। उनके हिस्से की भूमि पर भतीजों की नजरें गड़ी थी। जमीन का बैनामा करने के बाद से भतीजे रमा शंकर यादव, श्याम बिहारी व बृज बिहारी उनसे नाराज चल रहे थे। इसी मामले को लेकर रमाशंकर के हिस्ट्रीशीटर पुत्र राम सिंह यादव ने अपने दो अन्य साथियों संग मिलकर गांव में सरेआम दादा बरखू राम यादव को मौत के घाट उतार दिया। गांव में चर्चा है कि जमानत पर जेल से छूटकर आने के बाद से ही राम सिंह यादव बरखू राम को ठिकाने लगने के लिए जुट गया था। तलाश में संभावित स्थानों पर दबिश दे रही पुलिस पास-पड़ोस के जिलों से भी राम सिंह यादव का आपराधिक रिकार्ड जुटा रही है।