जहां से की सेवा की शुरुआत , उसी जगह के बारे में फैसला देकर हुए सेवानिवृत्त

  

जौनपुर। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस के मामले में बुधवार को फैसला सुनाने वाले सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव जौनपुर जिले की शाहगंज तहसील क्षेत्र के पखनपुर गांव के मूल निवासी हैं। 
वर्ष 1991 में उनकी पहली तैनाती मुंसिफ के रूप में फैजाबाद (अब अयोध्या) में हुई।  यह संयोग ही है कि जहां से उन्होंने सेवा की शुरुआत की, उसी जगह के बारे में फैसला देकर सेवानिवृत्त हुए। अयोध्या मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले एसके यादव पर गांव और पूरे जिले के लोगों को गर्व है। 
सुरेंद्र कुमार यादव की बुनियादी शिक्षा शाहगंज परिषदीय विद्यालय से हुई है। उनके जन्म से ऐन पहले ही पिता का निधन हो गया था। आठवीं के बाद आगे की शिक्षा बड़े पिता नरसिंह यादव की देखरेख में बीएचयू से हुई। नरसिंह यादव डीएलडब्लू में नौकरी करते थे। उनकी हाईस्कूल की पढ़ाई डीएलडब्लू इंटर कॉलेज वाराणसी से हुई। सेंट्रल हिंदू ब्वायज स्कूल वाराणसी (सीएचएस) से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। उसके बाद बीएससी, एलएलबी और एलएलम की पढ़ाई बीएचयू से पूरी की। 
एसके यादव की मां भुइला देवी गांव में ही रहती हैं। वह कहती हैं कि सुरेंद्र बचपन से ही शांत स्वभाव के हैं। गांव या स्कूल में भी उसका कभी किसी से झगड़ा नहीं हुआ। कभी कोई ऐसा काम नहीं किया, जिसका उलाहना आया हो। वह अपने माता-पिता की इकलौते संतान हैं। 

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