महबूबा मुफ्ती के खिलाफ राजद्रोह व राष्ट्रध्वज के अपमान का वाद दर्ज

   जौनपुर। पीडीपी नेता एवं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर राजद्रोह एवं तिरंगे झंडे पर  अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने प्रभारी जेएम द्वितीय नीरज की अदालत में वाद दाखिल किया।कोर्ट ने वाद दर्ज कर अगली सुनवाई के लिए 27 नवंबर तिथि मुकर्रर किया है। 


कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह के माध्यम से अदालत में दरखास्त दिया कि वादी को संविधान तथा कानून में गहरी आस्था व श्रद्धा है।अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वादी व पूरा देश गौरवान्वित हुआ तथा फक्र होता रहा कि अब पूरे भारत में तिरंगा झंडा लहराएगा एवं एक राष्ट्र एक ध्वज पूरे देश में रहेगा।23 अक्टूबर 2020 को जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वक्तव्य दिया कि अनुच्छेद 370 की बहाली वह लड़ती रहेंगी।आज के भारत के साथ वह सहज नहीं हैं।हमारा ध्वज लूटा गया है। अभी तक उसकी वापसी नहीं हुई।मैं और कोई झंडा नहीं उठाऊंगी।जम्मू कश्मीर का झंडा जब हमारे हाथों में होगा तभी हम तिरंगा उठाएंगे। उनके इस भड़काऊ,राजद्रोहात्मक वक्तव्य की जानकारी मीडिया के माध्यम से वादी व गवाहों को हुई।24 अक्टूबर 2020 को शाम 6:00 बजे यह वक्तव्य देखा सुना व पढ़ा जिससे वादी व गवाहों को अत्यंत मानसिक कष्ट पहुंचा तथा अपमान व असंतोष पैदा हुआ।अभी तक महबूबा मुफ्ती ने इस बयान के लिए माफी भी नहीं मांगी।उन्होंने देश को कमजोर करने,विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा,अपमान,विद्वेष पैदा करने तथा विभिन्न वर्गों में शत्रुता,वैमनस्य,नफरत पैदा करने का प्रयास किया जो राजद्रोह की श्रेणी में आता है। उन्होंने भारत की शान तिरंगा झंडा के बारे में अमर्यादित टिप्पणी की जिससे वादी व गवाह अत्यंत व्यथित व पीड़ित हैं।वादी ने न्यायालय से मांग किया कि आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया जाय जिससे न्याय हो और देश की एकता,अखंडता व संप्रभुता बनी रहे।

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