अपनी मेहनत का फल पाने के लिए दर—दर भटकने को मजबूर है यासमीन

जौनपुर। कहते है मेहनत का फल जरूर मिलता है लेकिन कभी—कभी किस्मत खराब होती है तो उसके लिए भी और मेहनत करनी पड़ती है। कुछ ऐसा ही हो रहा है यासमीन के साथ। यासमीन बानो उत्तर प्रदेश बोर्ड आफ मदरसा एजुकेशन लखनऊ की छात्रा हैं। इस वर्ष उन्होंने कामिल अरबी प्रथम वर्ष 2020 की परीक्षा दी लेकिन दुर्भाग्य से रिजल्ट में उन्हें अनुपस्थित दिखाकर फेल कर दिया गया। अपने उपस्थित होने का सारा प्रमाण लेकर वह जौनपुर से लेकर लखनऊ तक लगातार दौड़ रही है लेकिन कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

उन्होंने बताया कि कामिल अरबी प्रथम वर्ष 2020 उत्तर प्रदेश बोर्ड आफ मदरसा एजुकेशन लखनऊ की परीक्षा ऋषिकुल एकेडमी धरनीधरपुर में दी। यहां पर उन्होंने परीक्षा दी और उपस्थित रहीं बावजूद इसके रिजल्द में उन्हें अनुपस्थित दिखाकर फेल कर दिया गया। उपस्थित होने का सारा प्रमाण पत्र लेकर वह लखनऊ भी गयीं लेकिन वहां भी जिला मुख्यालय ही निस्तारण के लिए भेज दिया गया। यासमीन का कहना है कि अधिकारी द्वारा जो रिपोर्ट लगायी गयी है उससे वह सहमत नहीं है। उन्होंने मांग किया कि कॉपी दुबारा चेक करवाया जाय और अरबी की कॉपी खोजी जाय। इस समस्या का जल्द से जल्द निस्तारण किया जाय। उन्होंने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से न्याय की गुहार लगायी है।

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