रमसा शिक्षकों के साथ बंद हो सौतेला व्यवहार
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जौनपुर। इसे प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि न केवल वर्तमान बल्कि पूर्व की सरकारों ने भी सर्वाधिक तुगलकी प्रयोग माध्यमिक शिक्षा के साथ ही किया, जिसका दुष्परिणाम यह हुआ कि न केवल माध्यमिक शिक्षा चौपट हो गई और उस पर से लोगों का विश्वास उठ गया है बल्कि सरकारों ने कई तरह के शिक्षक भी पैदा कर दिए।राजकीय शिक्षक, सहायता प्राप्त शिक्षक, विषय विशेषज्ञ, रा0मा0शि0अभियान के शिक्षक, तदर्थ शिक्षक, पुरानी पेंशन धारक शिक्षक, एन0पी0एस0धारी शिक्षक के साथ ही अन्य तरह के शिक्षक भी सरकारी पिटारे में मौजूद हैं। उक्त बातें कहते हुए मा0शि0 संघ के कार्यकारी अध्यक्ष रमेश सिंह ने आज प्रदेश के उप मुख्यमंत्री/शिक्षा मंत्री को एक पत्र लिखकर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत संचालित विद्यालयों के शिक्षको/कर्मचारियों के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार को बंद करने की मांग की है। रमेश सिंह ने बताया कि इन शिक्षकों/को बजट के अभाव में कभी भी समय से वेतन नहीं मिल पाता है।यदि कभी समय से बजट आवंटित भी हुआ तो वह इतना कम होता है कि अधिकांश शिक्षक/कर्मचारी वेतन से वंचित ही रह जातें हैं। परिणामतः उनका परिवार भी प्रभावित होता है।संगठन इस पत्र के माध्यम से यह मांग करता है कि इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों/कर्मचारियों को समयबद्ध वेतन भुगतान सुनिश्चित करने की दिशा में विभाग और सरकार द्वारा तत्काल कोई ठोस कदम उठाया जाना चाहिए, अन्यथा आगे आने वाले दिनों में संगठन इसके खिलाफ़ संघर्ष के लिए विवश होगा जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व विभाग एवं सरकार पर होगा।