प्रभाव शाली नेतृत्व के लिए जीत की रणनीति जरूरी
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध विभाग द्वारा ’प्रभाव शाली नेतृत्व के लिए जीत रणनीति ’ शीर्षक पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित किया गया।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता इंडियन रेवेन्यू सर्विस एवम प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स गिरीश नारायण पांडे ने
विनिंग स्ट्रेटजी फॉर इफेक्टिव लीडरशिप की जानकारी दिया। अब तक हमें जिस सिद्धांत या तरीक़े के बारे में बताया जाता था वह था विन विन ( जीत जीत ) स्ट्रैटिजी है जिसमें हम अपनी जीत और जिसके साथ व्यवहार कर रहे हैं उसकी जीत सुनिश्चित करते है ।लोगों ने अपनी और जिससे व्यवहार कर रहे थे। उसकी जीत तो की लेकिन बाक़ी लोगों का शोषण शुरू होता है। प्रकृति का शोषण होता है,धरती का शोषण भी शुरू हो गया ।इसलिए विन विन ( जीत जीत ) स्ट्रैटिजी में परिवर्तन की ज़रूरत है और इसको विन विन विन ( जीत जीत जीत ) बनाने की ज़रूरत है जिसमें तीसरा विन जो दो लोग एक दूसरे से व्यवहार कर रहे हैं उनके अलावा समाज ,प्रकृति मे , देश में धरती पर जो भी है/ हैं उसके भी विन के बारे में भी ध्यान रखना चाहिए।
कोई भी स्ट्रैटिजी बनाने के लिए मस्तिष्क खुला होना चाहिए,पूर्वाग्रह नहीं होनी चाहिए l रणनीति सत्य पर आधारित होना चाहिए ,सुनी हुई बातों को भी सच्चाई की कसौटी पर कसना चाहिए।
उदघाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति निर्मला एस मौर्या ने कहा कि कोई भी रणनीति ऐसा होना चाहिए जिससे सभी हित धारकों का फायदा हो l गला काट प्रतिस्पर्धा के इस युग में प्रबंधकों को अपनी कंपनियों के सफलता के अलावा अपने सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करना चाहिए l प्रबंधन विद्यार्थियों को प्रभावी निर्णय लेने के अलावा अपने संचार कौशल पर भी ध्यान देना चाहिए जिससे वे अपनी रणनीति को प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित कर सके।
प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए व्यवसाय प्रबंधन के विभाग अध्यक्ष डा.मुराद अली ने कहा कि विभाग ऐसे कार्यशालाओं कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिससे विद्यार्थियों को व्यवहारिक प्रबंधन कौशल की गुणवक्ता पैना हो। विशेष अतिथि पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षण छत्तीसगढ़ अरुण कुमार द्विवेदी ने कहा व्यवसायिक निगमों को अपनी रणनीति बनाते वक्त ये ध्यान देना चाहिए की पर्यावन को कुछ नुकसान ना हो।
धन्यवाद ज्ञापन डा . सुशील सिंह ने दिया एवं संचालन डा.मुराद अली ने किया।
बहुत ही सराहनीय कार्य।
जवाब देंहटाएंसभी विद्वतजनों को बहुत-बहुत बधाई।
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