18 वर्ष की लड़कियों की शादी के लिए बना कानून ठीक था : डॉ. तस्नीम फातिमा
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जौनपुर। डॉक्टर अख्तर हसन रिजवी शिया पीजी कॉलेज की प्रवक्ता डॉ. तस्नीम फातिमा ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो लड़कियों की शादी के लिए अट्ठारह वर्ष की जगह 21 वर्ष शादी के लिए अनिवार्य किया है वह सरासर गलत है । इस्लाम में तो 14 वर्ष में ही लड़कियां की शादी का प्रावधान है, लेकिन भारतीय कानून के अनुसार 18 वर्ष की लड़कियों की शादी के लिए बना था तो यह एक प्रकार से ठीक था। लेकिन अब जब लड़कियों की शादी की उम्र 21 वर्ष अनिवार्य कर दी जाएगी तो उन परिवारों को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने पर मजबूर है ।क्योंकि लड़कियों की पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ उनकी शादी ब्याह का खर्चा भी माता-पिता के सिर पर आता है। ऐसे में परिवार के लोग सोचते हैं कि जल्द से जल्द अच्छा लड़का मिलते ही लड़की के हाथ पीले कर दिया जाए ।यदि 21 वर्ष होती है तो उन्हें इंतेज़ार करना पड़ेगा ऐसे में यह कानून मेरी नजर में ठीक नहीं है।