गेहूं की पहली सिंचाई के बाद घोल के रुप में छिड़कें यूरिया : डा. रमेश चंद्र यादव

जौनपुर। कृषि विभाग द्वारा गुरुवार को कृषि सूचना तन्त्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम के तहत मुंगराबादशाहपुर ब्लाक परिसर में रबी फसलों के बेहतर उत्पादन वाली आधुनिक तकनीकीयो से किसानों को प्रशिक्षित किया गया। 

उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग के कारण मिट्टी लगातार बीमार होती जा रही है, मृदा की सेहत सुधार हेतु मृदा की जांच कराकर संतुलित उर्बरको के प्रयोग से खेती करने की जरूरत है,तभी कृषि का सतत विकास होगा। 
डा. यादव ने कहा कि रबी सीजन में समय से बुराई करने वाले किसान फसल की पहली सिंचाई कर रहे हैं इसके बाद यूरिया का बुरकाव करेंगे ऐसे में यदि उर्वरकों का छिड़काव घोल के रूप में करें इसके लिए घुलनशील उर्वरक खाद की दुकानों पर उपलब्ध है। ऐसा करने पर कम लागत में ही बेहतर उपज ली जा सकती है। उन्होंने बताया कि नाइट्रोजन फास्फोरस सल्फर 16-16-0 -13 या एनपीके 18- 18- 18 उर्वरक पानी में घोलकर छिड़काव करें। पहली सिंचाई के बाद डेढ़ किग्रा उर्वरक सौ लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव कर दें। दूसरी सिचाई के बाद दो किग्रा उर्वरक 100 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें तो उपज गुणवत्ता पूर्ण प्राप्त होगी।कार्यक्रम की अध्यक्षता बीडीओ सुरेंद्र बहादुर सिंह तथा संचालन एडीओ एजी विवेक सिंह ने किया। इस मौके पर एडीओ पंचायत हंसराज उपाध्याय, डीएफएसी सदस्य कमलाकान्त पाण्डेय, आशुतोष राय, सुनील वर्मा, प्रदीप वर्मा, दीपक मिश्र, प्रदुम्मन पाण्डेय, ओमप्रकाश पटेल, मंजू, मीरा, मीना, मनीष सिंह,आदि सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

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