विष रहित सब्जियों की खेती की तकनीक अपनाएं किसान : डा. रमेश चंद्र यादव
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जौनपुर : सब्जियों की खेती करने वाले किसान सबसे ज्यादा हानिकारक कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं जिससे लागत तो बढ़ती ही है सब्जियों में जहर का अंश भी रह जाता है, फलस्वरूप उपभोक्ताओं की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। बैंगन की फसल में अत्यधिक कीटनाशक दवाओं का स्प्रे करना पड़ता है।
उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने किसानों को सुझाव देते हुए बताया कि बैगन की फसल के मुख्य कीट - फ्रूट बोरर, शूट बोरर, व्हाइट फ्लाई , थ्रिप्स तथा रेड माइट है। किसान भाई पौध रोपण के एक महीने के अंदर प्रति एकड़ 25 पीले रंग का और 25 नीले रंग का स्टिकी ट्रैप लगाकर व्हाइट फ्लाई और थ्रिप्स कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रति एकड़ 10 -12 फेरोमोन ट्रैप ( Lucin ल्युर) के साथ लगा कर फ्रूट बोरर और शूट बोरर कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है।
45 दिन के बाद ल्यूर को बदलना चाहिए।
प्रति एकड़ 5 फ्रूट फ्लाई ट्रैप (Fru- ल्युर) के साथ लगाना चाहिए। उन्होंने बताया कि अन्य सब्जियों में भी उपरोक्त बायो एजेन्ट का प्रयोग कर कीटनाशक दवाओं का खर्चा 70 से 80 % तक बचाया जा सकता हैं। साथ ही जहर मुक्त सब्जियों का उत्पादन कर देशहित में शामिल हो सकते हैैं।