दूर-दराज के स्थान से पहले बच्चें अपने गाँव को जाने - BEO सिकरारा
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जौनपुर। प्राथमिक विद्यालय लखेसर व प्राथमिक विद्यालय भुआकला, विकास खण्ड- सिकरारा, जनपद- जौनपुर के कक्षा- 4 व 5 के बच्चों ने शैक्षिक भ्रमण के लिए अपने ही सुंदर से गाँव के बहुत ही रमणीक स्थल को मस्ती की पाठशाला बना डाला। दूर- दराज़ जाने के लिए भी अभिभावक तैयार नहीं होते और शासन की मंशा के अनुरूप आपसी सामंजस्य स्थापित करने हेतु विद्यालय के शिक्षकों ने इस विचार को उत्तम भी समझा। निपुणता लाने के लिए आवश्यक है कि बच्चे अपने वातावरणीय समस्याओं से अवगत हों। वे सैद्धांतिक रूप से सुदृढ़ तो हो जाते हैं क्योंकि शिक्षकों के माध्यम से उन्हें वह ज्ञान मिलता रहता है परंतु वास्तविक ज्ञान तो उस वस्तु को देखने ,समझने से ही होता है। बच्चों ने इस भ्रमण को यादगार बना दिया । अपने साथ स्काउट, गाइड्स की तरह लट्ठ, चद्दर, पीठपर बैग, बाल्टी, लोटा, लकड़ियां लेकर निकल पड़े। आज लगा कि अब उनमें यह चेतना जागृत अवश्य होगी कि हमें सफलता के लिए संघर्ष करना ही होगा। यह उनकी पहली उड़ान थी जब वे पावन सई नदी के लखेसर (लक्षेश्वर)- दोनई तट पर तंबू डालने जा रहे थे। स्वेत चमकीली , साफ बालू मेंतंबू तन गए। आश्चर्य तो तब हुआ जब पाक कला विशेषज्ञ की तरह बच्चियों ने आग जलाकर पकौड़े तलकर हाज़िर कर दिए और उसके साथ चाय की चुस्की ने कुहरे की गलन में आयुर्वेदिक काढ़े की भांति सारी ठंड छूमंतर कर दिया। जब ब्लूटूथ सिस्टम में 'छोटा बच्चा जानके हमको न समझाना रे....' गाना बजा सभी बच्चों में जैसे माइकल जैक्सन, प्रभु देवा की आत्मा आ गयी। आगे शांत मन से सई नदी का शीतल बहाव और नाव से इधर से उधर आते- जाते लोगों ने बच्चों की मस्ती की पाठशाला का खूब आनंद लिया। अभिभावकों की चहल - पहल के बीच बच्चों ने जहाँ अपने गीतों, कविताओं से मंत्रमुग्ध किया वहीं कबड्डी के बिना खेल का एक पक्ष अछूता रह जाने से बच गया। झूमकर खिलाड़ियों ने अपने जौहर दिखाए। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी गोरखनाथ पटेल ने इस पहल को सुरक्षा की दृष्टि से अच्छा बताया तथा खंड शिक्षाधिकारी सिकरारा आनंद प्रकाश सिंह ने न्यायपंचायत- खपरहा के इन विद्यालयों की सराहना करते हुए आयोजक शिक्षकों प्रेम चन्द्र तिवारी प्रधानाध्यापक भुआकला तथा शिवम सिंह प्राथमिक विद्यालय लखेसर को इस नई सोच के लिए बधाई दी तथा इससे सुरक्षा को लेकर अभिभावकों की चिंता कम होने की बात भी कही। इस आयोजन को सफल बनाने में मुकेश कुमार दुबे के विशेष योगदान के साथ दोनों विद्यालयों के अध्यापकों / अध्यापिकाओं, शिक्षामित्रों का सहयोग रहा।
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https://youtu.be/C7XgDZ_usMI