धस गयी सड़के, फंस गये वाहन, खुल गयी ढ़ोल की पोल
तीन वर्ष से अधिक समय से शहर में 302 करोड़ की लागत से सीवर पाईप लाइन और 206 करोड़ की लागत से एसटीपी का कार्य चल रहा है। इस कार्य की रफ्तार कछुए की चाल से चलने से नगर व जनपद वासियों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। जिम्मेदार केवल बंदर घुड़की देकर कार्यदायी संस्था पर दबाव बनाते है लेकिन इसका कोई असर नही हो रहा है जिसका परिणाम है कि आये दिन कही न कही जनता दुर्घनाओ का शिकार हो रही है। दो दिनो से शुरू हुए बारिश ने जनता को और परेशानी में डाल दिया है। प्रमुख सड़को से लेकर शहर की गलियों तक की सड़के जगह जगह धस गयी है जिसके कारण आवागमन पर बुरा असर पड़ रहा है। शनिवार की दोपहर में हुई बारिश से लाइनबाजार चौराहे पर विशाल गड्ढ़ा होने से रास्ता पूरी तरह से ठप हो गया उधर डीएम आफिस से चंद कदम की दूरी पर आबकारी विभाग के सामने एक ट्रैक्टर और कार फस गयी। कड़ी मशकत के बाद वाहनो को बाहर निकाला गया। इस दरम्यान जाम के चलते लोगो को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
बीते गुरूवार को नगर विधायक व सुबे के राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव ने पत्रकारो से वार्ता के दरम्यान कहा था कि सीवर लाइन बिछाने के चलते जनता को हो रही परेशानियों को देखते हुए कार्यदायी संस्था को आदेश दिया गया है कि जहां सीवर लाइन बिछ गयी वहां की सड़के तत्काल बना दिया जाय। लेकिन आज हुई बारिश से जगह जगह सड़के धस गयी जिससे साफ लगता है कि कार्यदायी संस्था पूरी तरह से बेलगाम है।
यदि यह हाल रहा तो किसी बड़े हादसे से इंकार नही किया जा सकता है।