जानिए किस मामले में हाईकोर्ट ने विधायक रमेश सिंह को किया तलब
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शाहगंज, जौनपुर। इंदिरापूर्व माध्यमिक विद्यालय बूढ़पुर सराय मोहद्दीनपुर शाहगंज के प्रधानाध्यापक द्वारा दो फर्जी सहायक अध्यापक नियुक्ति के मामले और प्रबंध समिति के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट सख्त रूप अपनाते हुए न्यायमूर्ति भाजपा समर्थित निषाद पार्टी से विधायक रमेश सिंह को शपथपत्र के साथ 5 सितम्बर को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया हैं।
हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति माननीय क्षितिज शैलेन्द्र, जे. ने कहा कि उपरोक्त के मद्देनजर, यह न्यायालय प्रथम दृष्टया संतुष्ट है कि आक्षेपित आदेश राजनीति से प्रेरित है और, अन्यथा, वहाँ की नियुक्ति में इतनी जल्दबाजी करने का कोई औचित्य नहीं था, इस मामले को 05 सितंबर 2023को सूचीबद्ध करें. सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) क्षेत्र वाराणसी प्रति शपथ पत्र में विशेष रूप से इसका उल्लेख करेगा। और एम.एल.ए. के किसी भी रुख पर कैसे ध्यान दे सकते हैं, पारित आदेश को व्यावहारिक रूप से घोषित करने की हद तक चला गया है। रमेश सिंह, विधान सदस्य विधानसभा इस मामले में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर कर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने को कह दिया।
ज्ञात हो कि विधायक रमेश सिंह विधानसभा क्षेत्र शाहगंज जौनपुर ने अपने पत्र दिनांक 23 मार्च को 2023को द्वारा इंदिरा पूर्व माध्यमिक विद्यालय बूढ़पुर सराय मोहद्दीनपुर जौनपुर में एकल हस्ताक्षर से वेतन भुगतान की प्रक्रिया को जनहित में सही ना मानते हुए विद्यालय में नियमानुसार कंट्रोलर नियुक्त करने की अपेक्षा की गई। त्रिस्तरीय जांच समिति एवं एवं खंड शिक्षा अधिकारी सुईथा कला जौनपुर की आख्या का अवलोकन कर विद्यालय के तहत वित्तीय एवं प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारु रुप से संचालित किए जाने हेतु व्यवस्था के तहत साधिकार नियंत्रिक नियुक्त करने का कष्ट करें।
हाईकोर्ट ने फर्जी शिक्षको के अधिवक्ता से कहा क्या रमेश सिंह विधायक शाहगंज किसी भी एडेड जूनियर हाईस्कूल मे हस्तक्षेप करने के अधिकारी कैसे हो सकते है ? एडेड जूनियर हाईस्कूल में प्रबंधक, प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं वित्त शिक्षा अधिकारी के अलावा किसी का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए, विधायक को कौन अधिकार दिया है कि किसी एडेड विद्यालय मे हस्तक्षेप करने का ? विधायक और बेसिक शिक्षा अधिकारी मिलकर इतनी जल्दी फर्जी सहायक अध्यापक को सही ठहरा दिए जो गलत है। क्यों न विधायक को जेल भेज दिया जाए। इस प्रकरण मे विधायक की पूरी सन्लिप्तता है। इस लिए विधायक को कोर्ट मे 5 सितंबर 2023 को उपस्थित होकर हमारे सामने अपनी सन्लिप्तता का कारण स्पष्ट करे। हलफनामा सहित कोर्ट मे पेश हो।