लाखों के राजस्व का चूना लगा रहे डग्गामार वाहन
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जौनपुर। जिले भर में हर क्षेत्र और स्कूलों में डग्गामार वाहन जहां पुलिस के लिए कमाई का जरिया बने हैं, वहीं हादसों को बढ़ावा मिल रहा है। सम्बन्धित जिम्मेदार विभाग जागरूकता अभियान और रैली निकालकर खानापूर्ति करता नजर आ रहा है। निजी स्कूलों द्वारा संचालित डग्गामार वाहनों से नौनिहालों के जान को खतरे में डालकर अभिभावकों से वाहन सुविधा के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है। हालत यह है कि मासूम बच्चों को ऑटो रिक्शा, ई रिक्शा, मैजिक आदि वाहनों में भरा जाता है जिनमें गर्मी और उमस के इस मौसम में बच्चों को सांस लेना भी दूभर हो जाता है। ऐसे वाहनों के फिटनेस और मानकों की जाँच न करके नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं।ऐसे वाहनों पर न तो स्कूलों का नाम होता है और न आपात समस्या से निपटने के लिए कोई व्यवस्था। विभिन्न मार्गों पर देखा जा रहा है कि डग्गामार वाहनों में सवारियां भरी जा रही हैं और पुलिस वसूली कर उन्हें बढ़ावा दे रहे हैं। डग्गामार वाहन बखौफ चलते है और दुर्घटना को भी अंजाम देते हैं। परिवहन विभाग खानापूर्ति और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी पीठ थपथपाता दिखाई देता है। अधिकारी कोई हो, पुलिस कप्तान कोई हो लेकिन डग्गामारी का खेल कभी बन्द नहीं होता। ऐसे वाहनों के चालक भी नौसिखिए होते हैं जिससे खतरे की संभावना बनी रहती है। इन वाहनों की वजह से लाखों रूपये राजस्व की क्षति भी हो रही है लेकिन जिम्मेदारों के कान में जूं रेगता नजर नहीं आ रहा है।