42 कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य के लिए किया गया सम्मानित
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि आज इनकी वजह से हमे यह आजादी मिली है। आजादी का अमृत महोत्सव का पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा है इससे हर नागरिकों को बलिदानों की गौरव गाथा का ज्ञान हो सके। उन्होंने शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थियों से कहा कि आपको जो काम मिला है उसे निष्ठापूर्वक करना ही असली देशभक्ति है। उन्होंने हर व्यक्ति में पहले कर्तव्यबोध होना चाहिए, अधिकार की बात बाद में हो। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि कर्मचारियों को जो सम्मान मिला है इससे उनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि हमें इस जश्न को धूमधाम और सबकी सहभागिता से मनाना होगा। इसके पूर्व सरस्वती सदन से एकलव्य स्टेडियम से प्रभातफेरी निकाली गई। पूरा परिसर देशभक्ति के नारे से गूंज उठा। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान हुआ। विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्डों ने कुलपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। समारोह का संचालन राजनारायन सिंह ने किया। इसके बाद राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक राजबहादुर ने मेरा माटी मेरा देश कार्यक्रम के तहत पंच प्राण प्रतिज्ञा की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले 42 कर्मचारियों को प्रशस्तिपत्र और अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय, कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. वंदना राय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. रामनारायन, प्रो. देवराज सिंह, डा. मनोज मिश्र, डॉ. गिरधर मिश्र, डॉ सुनील कुमार, डॉ. रसिकेश,डॉ. नीतेश जायसवाल, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, सहायक कुलसचिव अमृत लाल, अजीत सिंह, बबिता सिंह, नंदकिशोर सिंह, रमेश यादव, डॉ. पीके कौशिक, सुशील प्रजापति, चीफ प्रॉक्टर, चीफ वार्डन, एनएसएस समन्वयक, समस्त संकायाध्यक्ष, समस्त विभागाध्यक्ष समेत शिक्षक, कर्मचारी और छात्र मौजूद थे।