महान क्रान्तिकारी राजीव भाई दीक्षित का 13वां बलिदान दिवस मना
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जौनपुर। महान क्रांतिकारी भाई राजीव दीक्षित के 13वें बलिदान दिवस को गुरूवार को अकिंचन फाउंडेशन के कार्यालय एवं हैनीमैन होम्यो सेण्टर लाइन बाजार में शहीद दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर श्री दीक्षित के चित्र पर माल्यार्पण करते हुये दीप प्रज्ज्वलित किया गया। साथ ही उनके जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुये लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये।फाउण्डेशन के कार्यकर्ता अध्यापक कमलेश सिंह ने श्री दीक्षित के जीवन के विभिन्न आयाम को सारगर्वित ढंग से बताया। साथ ही कहा कि राजीव भाई का जन्म 30 नवम्बर 1967 को अलीगढ़ जिले के अतरौली तहसील के नाह गांव में हुआ था। प्रयागराज से बीटेक व आईआईटी कानपुर से एम टेक एवं फ्रांस से पीएचडी की उपाधि हासिल किया। इसके पश्चात भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ जुड़े। साथ ही वह आर्य समाज के संस्थापक दयानन्द सरस्वती, राम प्रसाद बिस्मिल, भगत सिंह, उधम सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे महान क्रांतिकारी से बहुत प्रभावित थे जिसके कारण उन्होंने क्रांतिकारियों के अधूरे कार्यों को पूरा करने भारत को भारतीयता के मान्यता के आधार पर स्थापित करने एवं देश के स्वदेशी मान्यता को स्थापित करने के लिए पूरा जीवन बलिदान करने का संकल्प लिया। पूरे जीवन उन्होंने इस क्षेत्र में कार्य करते हुए 30 नवंबर 2010 को छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में अपना जीवन को मातृभूमि के लिए अर्पित कर दिया।
इस अवसर पर विशेष सहयोगी मनीष अग्रहरि, अनुराग शुक्ला, सुरेंद्र पाठक, शरद दुबे, पूर्व महामंत्री संदीप तिवारी, भाजपा उपाध्यक्ष पंकज मिश्रा, अकिंचन फाउंडेशन के संस्थापक/अध्यक्ष डा. अमरनाथ पाण्डेय सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। इस दौरान निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन हुआ जहां कुल 86 लोगों को नि:शुल्क दवा वितरित किया गया। सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त करते हुए भाई राजीव दीक्षित के बताए हुए रास्ते पर चलने का आग्रह किया गया। अन्त में कार्यकम आयोजक डा. अमरनाथ पाण्डेय ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।