प्रकाश प्रकृति का उपहार है इसके प्रति हमें कृतज्ञ होना चाहिए: नारायणानंद तीर्थ
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जौनपुर। दीपावली के अवसर पर विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी में रविवार की सुबह आरती और भजन के पश्चात स्वामी नारायणानंद तीर्थ जी महाराज ने भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज प्रकाश का पर्व है।हम सब के लिए प्रकाश प्रकृति का उपहार है। प्रकृति हमें प्रकाश,जल, वायु आदि मुफ्त में प्रदान करती है।इन सब के प्रति हमें कृतज्ञता रखनी चाहिए। सृष्टि में जितने भी जीव हैं उन सबमें मनुष्य ने ही अपनी सुख सुविधाओं के लिए प्रकृति को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है।आज प्रकाश का पर्व है अतः हम दीप प्रज्ज्वलित करके यज्ञस्वरूप प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करें।केवल आंखें होने और वस्तु होने मात्र से ही हमें कुछ नहीं दिखता है। माध्यम के रूप में प्रकाश होना आवश्यक होता है।रात में जब प्रकृति का प्रकाश नहीं होता है तब हमें इसका मूल्य पता चलता है, बिजली के लिए बिल भुगतान करना पड़ता है। वैदिक संस्कृति में कदम-कदम पर प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने को कहा गया है। जैसे-जैसे विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों का कहर बढ़ता जा रहे है वैसे-वैसे हमारी वैदिक संस्कृति की सार्थकता पूरा विश्व महसूस कर रहा है। पृथ्वी पर जीवन को सुरक्षित रखने के लिए विश्व के सभी देशों के नागरिकों को प्रकृति के प्रति कृतज्ञ होने की जरूरत है।