भीषण ठंड से पालतू पशुओं को बचाने का प्रयास कर रहे हैं किसान

 

जौनपुर। बुधवार की भोर में गरज चमक के साथ हुई बूंदाबांदी और सर्द हवाओं के चलने से मछलीशहर तहसील क्षेत्र में पड़ रही भीषण ठंड से न केवल आदमी बल्कि पशु पक्षी सभी प्रभावित हो रहें हैं ग्रामीण इलाकों में किसान अपने पालतू पशुओं को ठंड से बचाने के प्रयास में लगे हुए हैं। ठंड से बचाने के लिए वे अपने गाय-भैंस को पुराने कपड़ों और जूट के बोरे को सिलकर उन्हें सुबह शाम जब तक धूप नहीं निकलती है ओढ़ाकर रख रहे हैं हैं। बड़ी पशुशालाओं में पशुओं को खाने पीने का कार्य पशु शेड के अन्दर ही बनी नादों में होता है लेकिन ग्रामीण इलाकों में कम पशुओं को पालने वाले किसान अक्सर जानवरों को छप्पर में रखते हैं और नाद बाहर खुले में ही होती है जिस कारण नाद में चारा खिलाते समय उन्हें बाहर निकालना उनकी मजबूरी होती है। ठंड के असर से दुधारू पशुओं की दूध देने की क्षमता घट जाती है जिससे किसानों को नुक़सान उठाना पड़ता है। ग्रामीण इलाकों में किसान पालतू जानवरों को ठंड से बचाने के लिए हरे चारे के साथ भूसा भी दे रहे हैं।चारा खाने के बाद चारों ओर से बन्द छप्पर के अन्दर कर दे रहें हैं।इस सम्बन्ध में विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी के पुल्लू यादव कहते हैं कि दुधारू पशुओं को बचाने के साथ -साथ नवजात बच्चों को भी ठंड से बचाने का प्रयास करना चाहिये। ठंड से बचाने के लिए वह अपने पालतू जानवरों को सरसों का तेल और गुड़ देते हैं और सामान्य दिनों की तुलना में चारे के साथ अधिक दाना दे रहे हैं।अगर जानवर ठीक से चारा न खाये और मुंह से लार चूने लगे और खांसने लगे तो डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए। पशुशाला में पशुओं को बैठने के स्थानों को साफ-सुथरा करके राख,पुरेसा आदि डालकर सूखा बनाय रखना चाहिए।

Related

डाक्टर 8898865090829537551

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item