तहसीलदार न्यायालय में ताला बंद देखकर भड़के अधिवक्ता

 रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय, खतौनी कम्प्यूटर कक्ष सहित उनके अधीनस्थ कार्यालय भी बन्द रहे

अधिवक्ता संघ की बैठक में अधिवक्ताओं ने तहसीलदार पर लगाया धनउगाही का आरोप

मछलीशहर, जौनपुर। ग्राम समाज से संबंधित फाइलें बिना सबूत साक्ष्य लिए स्थल निरीक्षण में लगाने से नाराज अधिवक्ताओं ने तहसीलदार के खिलाफ शुक्रवार को खुलकर मोर्चा खोल दिया था। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया था कि तहसीलदार ने 115 सी की कई फाइलें, बिना अधिवक्ताओं के सबूत साक्ष्य पेश किए हुए ही सीधे स्थल निरीक्षण में ले लिया और इस तरह वह धनउगाही करना चाहते हैं। अधिवक्ताओं को जब जानकारी हुई की पत्रावलियों में तारीख के स्थान पर स्थल निरीक्षण लिखवाकर तहसीलदार स्वयं जिला मुख्यालय पर मीटिंग में है। तब अधिवक्ता आक्रोशित हो गये और तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी और हंगामा किया। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि आज सुबह जब लोग तहसील पहुंचे तो तहसीलदार न्यायालय सहित कंप्यूटर खतौनी कक्ष, रजिस्टर कानूनगो कार्यालय सहित तहसीलदार से संबंधित सभी न्यायालय और कार्यालय में ताले लगे हुए थे। कारण पूछने पर चतुर्थ स्टाफ ने बताया कि तहसीलदार के आदेश पर ताले लगे हैं जबकि चिलचिलाती धूप में कई वादकारी अपनी फाइलों का मुआइना करने और खतौनी लेने तहसील आए हुए थे। इससे नाराज अधिवक्ताओं ने उपजिलाधिकारी से बात करके ताला खुलवाने का आग्रह किया।
ताला नहीं खुलने पर अधिवक्ताओं ने पहले उपजिलाधिकारी राजेश चौरसिया का घेराव किया और तत्पश्चात अधिवक्ता संघ सभागार में अधिवक्ताओं की हंगामी बैठक हुई जिसमें तहसीलदार के न्यायालय का अनिश्चितकालीन बहिष्कार का निर्णय सर्वसम्मत से लिया गया। इस मौके पर एक अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि ग्राम मलसिल से संबंधित 115 सी की एक पत्रावली में तहसीलदार अपने अद्रली और चपरासी के साथ मौके पर पहुंचे और उनके मुवक्किल से कहा कि 15000 दे दो तुम्हारा बेदखली का मुकदमा वापस हो जाएगा लेकिन अपने वकील को इसकी जानकारी मत देना तुम सीधे मेरे पास आना। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि  तहसीलदार न सिर्फ भ्रष्टाचार में लिप्त है, बल्कि अड़ियल रवैया वकीलों के प्रति अपना रखा है। एक जिम्मेदार अधिकारी होते हुए भी खुद से अपने ही न्यायालय और कार्यालय में घोषित तालाबंदी करवाना कहां तक न्याय संगत है।
बैठक की अध्यक्षता अधिवक्ता संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में अजय सिंह एवं संचालन महामंत्री वेद श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष दिनेश चंद्र सिंहा, इंदु प्रकाश सिंह, सुरेंद्र शुक्ला, अशोक श्रीवास्तव, विवेक यादव, विपिन मौर्य, पवन गुप्ता, आशीष चौबे, शैलेश यादव, बृजेश यादव, अन्नू श्रीवास्तव, विनय मौर्य, सुशील तिवारी, अमित सिंह, मनमोहन तिवारी, मेरे अंदर यादव, सुशील श्रीवास्तव, योगेंद्र नाथ, अवधेश पटेल, शालिग्राम पटेल, अवनींद्र दुबे, आलोक विश्वकर्मा, अच्छे लाल विश्वकर्मा, महेंद्र मौर्य, बालमुकुंद विश्वकर्मा, राजकुमार पटवा, वीरेंद्र मौर्य, सुरेश मौर्य, गुलशन मौर्य, राजेंद्र यादव, हरिश्चंद्र यादव, सुरेश सिंह, यज्ञ नारायण सिंह, रतन लाल गुप्ता, राजेश कुमार, जय प्रकाश दुबे, भरत सिंह, अंबिका बिन्द, बाबा रमेश यादव, सुरेश यादव, रमाशंकर पटेल, राहुल तिवारी, नीरज तिवारी, ललित मोहन तिवारी, अतुल श्रीवास्तव, अरुण श्रीवास्तव, प्रदीप सरोज, जितेंद्र यादव, मुलायम यादव, बृजेश यादव, विजय यादव, अशोक मिश्रा, राजेश विश्वकर्मा सहित सैकड़ों अधिवक्ता उपस्थित रहे।

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