जनसमस्याओं की भरमार...चुनौतियां हजार

 नए डीएम डॉ. दिनेश चन्द्र से जुड़ी लोगों की आस

प्रमोद जायसवाल 


जौनपुर। जनपद के नए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र सख्त तेवर के लिए जाने जाते हैं। लापरवाही पाए जाने पर अधीनस्थ को बख्शते नहीं हैं। जनपदवासी उन्हें उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। पूरे जनपद में समस्याओं का अंबार है। नगरवासी भी विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। इन समस्याओं का निराकरण नए डीएम साहब के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। फिर भी उनसे लोगों की आस जुड़ी है।

शिक्षा, स्वास्थ्य, साफ सफाई, सुगम एवं सुरक्षित यातायात मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकताओं में है। जनपदवासी कमोवेश इन्हीं समस्याओं से प्रतिदिन दो-चार हो रहे हैं। विभागीय निरीक्षण में परिषदीय विद्यालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों पर तमाम खामियां उजागर हो रही है। एक्शन भी लिया जा रहू है। फिर भी व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही। नगर की सबसे बड़ी मुसीबत एसटीपी की अमृत योजना के तहत सीवर लाइन के लिए खोदी गईं सड़कें हैं। उस प्रोजेक्ट में शुरूआती दौर से ही अनियमितता और मानक के विपरीत कार्य होने की शिकायतें मिलती रही हैं। चार वर्ष से शुरू काम अभी भी मूर्त रूप नहीं ले सका। सड़कें खोदे जाने पर पहले तो नगरवासी धूल के गुबार से परेशान रहे उसके बाद दलदल और सड़कें धंसने से लोग चुटहिल हुए। बारिश के दौरान चार एवं दो पहिया वाहन गड्ढे में फंसे जिन्हें क्रेन की सहायता से निकालना पड़ा। जहां सीवर लाइन डाला जा चुका है वहां की सड़कें भी दुरूस्त नहीं की जा रही है। निवर्तमान डीएम रवींद्र मांदड़ ने मीटिंग बुलाकर अनेक बार जिम्मेदारों को चेतावनी दी मगर कुछ असर नहीं हुआ। नगर में आवागमन को लेकर हो रही परेशानी को लेकर एक समाजसेवी ने प्रयागराज उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दाखिल किया है।

नए जिलाधिकारी अपने वही तेवर दिखाते हुए कड़ाई से पेश आकर नवरात्र शुरू होने के पूर्व नगर की सड़कों को दुरूस्त करा सकते हैं। रसूलाबाद, रामदासपुर नेवादा सहित कई मोहल्लों में पेयजल आपूर्ति की समस्या है। कई मुहल्लों में जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा है, नालियां बजबजा रही हैं जिसके कारण लोग तमाम संक्रामक बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं। इन समस्याओं के निदान के लिए नए जिलाधिकारी को अपने कड़े तेवर दिखाने होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात सफाईकर्मी भी अपनी जिम्मेदारी का ठीक से निर्वहन नहीं कर रहे हैं। लेखपाल मनमानी कर रहे हैं जिसके कारण कभी कभी शासन प्रशासन को मुसीबत झेलनी पड़ी है। छुट्टा पशुओं से निजात के लिए खोली गई गौशालाएं अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है।

नये जिलाधिकारी को लम्बा प्रशासनिक अनुभव है। जौनपुर के पहले कानपुर देहात, बहराइच और सहारनपुर में जिला कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। हर चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं। आशा व्यक्त की जा रही है कि नये कलेक्टर जनता की उम्मीदों की कसौटी पर खरे उतरेंगे।

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