भू-माफ़िया : कारपेंटर की पांच विस्वा जमीन पर व्यवसायी की बाज़ नज़र
-कोरोना काल में देश- प्रदेश के तमाम गरीबों ने अपनों की जान बचाने के लिए 'जेवर और ज़मीन' तक रख दी थी गिरवी, यही वह समय था जब 'आपदा में अवसर' तलाशने वाले चील की तरह झपट्टा मारने के लिए 'बगुला' बनकर लोगों को लूट रहे थे l
-कोरोना के चलते सदमें में जौनपुर शहर से सटे मसीरपुर गांव निवासी एक कारपेंटर लाइन बाज़ार के कपड़ा व्यवसायी के चंगुल में फंस गया l इस व्यापारी ने पीड़ित को दो लाख देकर 35 लाख की पांच विस्वा ज़मीन का बैनामा कराने को एग्रीमेंट(मुहायदा) करा लियाl
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-कैलाश सिंह-
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लखनऊ/जौनपुर (तहलका विशेष)l प्राकृतिक आपदा में जब 'जान की बाजी' लगती है तब अपने पास मौजूद सारे भौतिक संसाधन मिट्टी नज़र आने लगते हैं, ऐसी ही स्थिति कोरोना काल में समूची दुनिया में देखने- सुनने को मिली, तमाम लोग तो सदमें में दम तोड़ दिए l अपने देश प्रदेश में तो मोदी -योगी सरकार आपदा से लड़ने को आमजन के आगे दीवार बनकर खड़ी हो गई थी, लेकिन जनता के बीच रहने वाले कुछ डॉक्टर जहां इलाज के नाम पर लूट रहे थे, वहीं दवाई में मेडिकल स्टोर वाले 'कफ़न' के लिए भी पैसे नहीं छोड़े l इसी कतार में वह लोग भी थे जो पैसे की मदद के नाम पर जीविका के साधन भी छीनने से गुरेज नहीं कर रहे थे l अपनी जान का डर होते हुए भी ऐसे लोग दूसरों को लूटने के लिए 'उन्हें मृत जानवर का शव' मानकर नोचने के लिए खुद गिद्ध सरीखे बने हुए थे l
जौनपुर के लाइन बाज़ार और मसीरपुर गांव की एक बानगी अब उभरकर सामने तब आई जब पीड़ित कारपेंटर के दो बेटों को पता चला कि एक कपड़ा के दुकानदार ने मई 2020 में उनके पिता को दो लाख नकद और 75 हजार बाकी रखकर उनकी कुल ज़मीन पांच विस्वा का एग्रीमेंट (मुहायदा) तीन साल के लिए करा लिया है l उसमें दर्ज किया कि बैनामा कराते समय बाकी रकम दी जाएगी l
जब कारपेंटर के बेटे कपड़ा दुकानदार के पास गए दो के बदले चार लाख वापस देने तो उसने अपनी रकम का ब्याज समेत कुल 38 लाख का हिसाब बता दिया l पीड़ित के बेटों की मानें तो मसीरपुर गांव की ज़मीन जफराबाद रेलवे स्टेशन के निकट है और कुछ जमीन रेल महकमा लेने के लिए सर्वे भी कराया तो मुआवजा सात लाख रुपया प्रति विस्वा का हुआ l इसके बाद वहां की जमीन इसी रेट पर बिकने लगी l अब व्यापारी उस जमीन का बैनामा कराने का दबाव बढ़ा रहा है l वह पीड़ित को डराने के लिए कहता है कि सुविधा शुल्क के बल पर पुलिस - प्रशासन भी मेरे पक्ष में है l,,,,,,,, क्रमशः