आदेश के बाद भी नाप न करने का मामला पहुंचा डीएम दरबार
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लेखपाल व चकबन्दीकर्ता के खिलाफ कैलावरवासियों ने डीएम से की शिकायत
जौनपुर। धारा—23 का नाप सम्पूर्ण रूप से न कराने एवं कई बार शिकायत करने के बावजूद भी नाप न किये जाने का मामला जिलाधिकारी के दरबार में पहुंच गया। जिलाधिकारी से लिखित शिकायत करते हुये नाप करवाने एवं दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गयी। यह मामला जनपद के मड़ियाहूं तहसील क्षेत्र के कैलावर गांव का है जहां के निवासियों का कहना है कि गांव का धारा—23 का प्रकाशन हो चुका है। पैमाइश के समय पैमाइश करके फील्ड बुक लम्बाई व चौड़ाई की बनायी जाती है। क्षेत्रफल के लिये फिल्ड बुक की मांग की गयी तो लेखपाल व चकबन्दीकर्ता ने बताया कि मेरे पास पैमाइश की कोई फील्ड बुक नहीं बनाया गया है। चकबन्दी अधिकारी बदलापुर द्वारा चक आपत्ति में पारित आदेश के विरूद्ध लगभग 20—25 चक अपीलें बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी के न्यायालय में काफी समय से विचाराधीन है। लोगों के अनुसार जब भी चक अपील अथवा आपत्ति की सुनवाई के लिये तिथि तय होती है तो सम्बन्धित लेखपाल व कानूनगो की मिलीभगत से किसी न किसी बहाने को लेकर तारीख पड़ जाती है। ऐसे में कब्जे आदि को लेकर मौके पर हमेशा विवाद की स्थिति उत्पन्न होगी। इतना ही नहीं, वादकारियों की बड़ी क्षति होगी। लोगों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुये कहा कि प्राथमिकता के आधार पर गांव में चौपाल लगाकर चक अपीलों व आपत्तियों का निस्तारण करके कब्जा परिवर्तन की प्रक्रिया पूर्ण कराने के पश्चात ही धारा 52 यूपीसीएच एक्ट के प्रकाशन की कार्यवाही सुनिश्चित करें। शिकायत करने वालों में जितेन्द्र, अवधेश, जय प्रकाश, राहुल, कमला, राम आसरे, शिव कुमार, हरिपति, सुमित्रा, उर्मिला, इन्दू देपी, नागेन्द्र प्रसाद, रमेश चन्द्र, लालजी सरोज, नन्द लाल, महेन्द्र, रमेश यादव, राज किशोर, लालचन्द्र, लाल बहादुर, राजमन, अरविन्द, उदयराज, छांगुर, सतिराम, पारसनाथ, केदारनाथ, कैलाश, रमाशंकर, जंग बहादुर, राम आसरे, लालमनि, विजय प्रताप, जितेन्द्र यादव, सभाजीत, अखिलेश, प्रमोद कुमार, मुरली, ओम प्रकाश, कमला यादव, नन्दू सरोज, शान्ति आदि प्रमुख रहे।