मंगेश यादव एनकाउंटर की जांच लटकी, आयोग पहुंचा मामला
- हाईकोर्ट के वकील ने उठाए सवाल, पारदर्शिता पर जताया संदेह
जौनपुर। साल 2024 के सितंबर महीने में हुए सुल्तानपुर के चर्चित एनकाउंटर मामले में आठ महीने बीत जाने के बावजूद मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आ सकी है। इस देरी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कर मामले का संज्ञान लेने और जांच प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की है।शिकायत में कहा गया है कि मुठभेड़ में मारे गए मंगेश यादव उर्फ कुम्भे व अनुज प्रताप सिंह और घायल अजय यादव के मामले में आयोग ने 30 सितंबर 2024 को जांच रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। आयोग ने स्पष्ट किया था कि मजिस्ट्रियल जांच की प्रगति रिपोर्ट हर हाल में 18 नवंबर 2024 तक पेश की जाए और 19 नवंबर को मामले की सुनवाई की जानी है।
इस बीच, जिला प्रशासन ने आयोग को पत्र भेजकर सूचित किया था कि जौनपुर के मंगेश यादव की एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ की मजिस्ट्रियल जांच के लिए उपजिलाधिकारी लम्भुआ को अधिकृत किया गया है। वहीं अनुज यादव और अनुज प्रताप सिंह के एनकाउंटर मामलों में भी आयोग द्वारा अलग से रिपोर्ट मांगी गई थी।
अधिवक्ता डॉ. यादव ने कहा कि निर्देश जारी हुए आठ महीने से अधिक समय हो चुके हैं, लेकिन आज तक कोई जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है। न ही आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है। यह स्थिति न केवल जांच की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की राह को भी कठिन बना रही है।
उन्होंने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार, मुठभेड़ के एक माह के भीतर मजिस्ट्रियल जांच पूरी कर रिपोर्ट एनएचआरसी को भेजना अनिवार्य है। ऐसे में जांच रिपोर्ट में हो रही देरी खुद में एक गंभीर सवाल बन गई है।
उन्होंने आयोग से मांग की है कि वह मामले का तत्काल संज्ञान लेकर जांच अधिकारी को निर्देशित करे कि वह बिना और देर किए रिपोर्ट सौंपें, जिससे पीड़ित परिवारों को समय पर न्याय मिल सके।