रेल ठहराव की मांग को लेकर ग्रामीणों ने दिया अल्टीमेटम, 13 जून से होगा आन्दोलन

जौनपुर। वाराणसी-सुल्तानपुर रेलमार्ग पर स्थित बक्शा और सरायहरखू स्टेशनों की उपेक्षा को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लगभग 70 गांवों और एक लाख से अधिक आबादी वाले इस इलाके के लोगों ने मांग किया कि इन दोनों स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया जाय जिससे आमजन को यात्रा में सुविधा मिल सके। ग्रामीणों की ओर से प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रेल मंत्री, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश और जिलाधिकारी जौनपुर को संबोधित ज्ञापन में कहा गया कि वर्ष 1987 में सरायहरखू स्टेशन पर गंगा-जमुना एक्सप्रेस का ठहराव शुरू हुआ था लेकिन कुछ ही समय बाद बंद कर दिया गया। अब दोबारा से गंगा-जमुना एक्सप्रेस और फरक्का एक्सप्रेस के ठहराव की मांग की जा रही है। ग्रामीणों की मुख्य मांगे हैं कि बक्शा रेलवे स्टेशन पर सटल 'वरुणा' ट्रेन का ठहराव हो। बक्शा में मेमू ट्रेन का संचालन और सरायहरखू रेलवे स्टेशन पर गंगा-जमुना और फरक्का एक्सप्रेस का ठहराव हो। अमरनाथ साथी के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन की चेतावनी में कहा गया है कि

यदि 12 जून 2025 तक इन मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो 13 जून को सुबह 10 बजे से रेलमार्ग बाधित कर चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा जिसमें धरना-प्रदर्शन और आमरण अनशन जैसे कदम भी शामिल होंगे।

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